उत्तराखंड पुलिस ने सराहनीय फर्ज निभाया, कोरोना संक्रमित वृद्धा का अंतिम संस्कार कर उसे मोक्ष दिया।
देहरादून : कोरोना के काल मे आज कोई रिश्तेदार भी अपने रिश्तेदारों की मदद को आने को तैयार नही है। ‘सुख में आये न आये दुख में जरूर आना चाहिए- कोरोना के डर से आज कोई भी किसी की शादी ब्याह में तो छोड़िए मौत में भी शामिल नही’ हो रहा है। पर इस कोरोना काल मे ‘मित्र पुलिस’ कही जाने वाली उत्तराखंड पुलिस वाकई मित्र पुलिस कहलाने के काबिल है जिन्होंने कोरोना संक्रमण के चलते मरने वाली एक वृद्ध महिला को उसके परिजनों द्वारा आने में असमर्थ बताये जाने के बाद अपना फर्ज निभाते हुए उस वृद्धा का अंतिम संस्कार कर उसे मोक्ष दिला खुद सराहनीय फर्ज निभाया है।
जानकारी के मुताबिक कल देर रात थाना कोतवाली अंतर्गत धारा चौकी इंचार्ज उपनिरिक्षक शिशुपाल राणा को नेशविला रोड निवासी सुप्रा हंडा द्वारा सूचना दी गई कि उनके घर में करीब 7- 8 वर्षों से अकेले किराये पर रह रही मंगला ज्ञान( 58 वर्ष ) उनकी आज शाम मृत्यु हो गयीं है। महिला के अनुसार वृद्धा कोरोना संक्रमित थी। उन्होने बताया कि वृद्धा मूल रूप से पश्चिम बंगाल की निवासी है व उनके द्वारा वृद्धा के परिजनों को उनकी मृत्यु की जानकारी देने पर उनके परिजनों ने यहां आने में असमर्थता जताई जिसपर उनके द्वारा आसपडोसियों से वृद्धा के अंतिम संस्कार करने की बात करने पर सभी के द्वारा कोरोना के चलते उनकी सहायता करने से इंकार कर दिया।
महिला द्वारा पुलिस को की गई इस कॉल के पश्चात धारा चौकी इंचार्ज द्वारा उच्चाधिकारियों को अवगत करवाया गया व महिला को उस समय बहुत रात हो जाने पर अगले दिन वृद्धा के अंतिम संस्कार की बात कही। जिसपर आज सुबह क्षेत्राधिकारी नगर प्रथम शेखर सुयाल द्वारा स्वयं धारा चौकी इंचार्ज शिशुपाल राणा व दो चीता कांस्टेबल के साथ पीपीई किट पहनकर मौके पर जाकर वृद्धा के शव को पूरे एतिहात व सुरक्षा के बीच वहां से ले जाकर अंतिम संस्कार किया। क्षेत्राधिकारी नगर व धारा चौकी पुलिस टीम द्वारा इस मदद के लिए स्थानियों द्वारा उनका आभार व्यक्त किया गया।
देहरादून पुलिस द्वारा जनपद में संक्रमण के इस दौर में आम जनता की सहायता को जिस अंदाज में 24 घंटे तत्परता व आम जनता की सुरक्षा को अभेद रखने को जितनी एतिहात बरती जा रही है वह सराहनीय है।