इस बार जूना अखाडे की पेशवाई के दौरान कोरोना जैसी महामारी के बचाव तथा पर्यावरण के प्रति आमजन को जागरूक किया जायेगा -स्वामी वीरेन्द्रानंद महाराज

 

हरिद्वार।  श्रीपंच दशनाम जूना अखाडे में कुंभ महापर्व 2021 के दृष्टिगत धर्म ध्जवा एवं पेशवाई निकालने की तैयारियाॅ जोरो से जारी है। जूना अखाड़े के साथ अग्नि अखाड़े की पेशवाई 4मार्च को निकाली जायेगी। इस सम्बन्ध में जूना अखाड़े के महामण्डलेश्वर एवं सत्कर्मा मिशन के संस्थापक स्वामी वीरेन्द्रानंद जी महाराज ने कहा है कि पेशवाई निकालने की तैयारियाॅ जारी है। पेशवाई के दौरान माॅस्क व दूरी का पालन अवश्य कराया जायेगा।

उन्होने कहा कि पेशवाई के दौरान उत्तराखण्ड के सभी जनपदो के पारम्परिक वेश-भूषा के अलावा पर्वतीय कला संस्कृति से भी लोगों को रूबरू कराने का प्रयास किया जायेगा। उन्होने कहा कि परम्परानुसार निकलने वाले पेशवाई के दौरान कोरोना जैसी महामारी के प्रति बचाव तथा पर्यावरण के प्रति जागरूकता को लेकर भी आमजन को जागरूक करने का प्रयास किया जायेगा।

इस दौरान स्लोगन देकर लोगों को उससे जोड़ा जायेगा। धर्म अध्यात्म के साथ साथ जीवन में व्यवहारिक ज्ञान को बढ़ावा देने पर जोर देते हुए उन्होने कहा कि कोरोना काल में शासन-प्रशासन द्वारा लागू नियमों का पालन कराने में संत समाज लगा हुआ है। स्वामी वीरेन्द्रानंद का कहना है कि संत समाज मिलकर विश्व शांति और कोरोना के खात्मे के लिए विशेष यज्ञ हवन आदि कार्य कर रहा है।

पिछले कई वर्षो से शिक्षा,पर्यावरण को लेकर कार्य कर रहे स्वामी वीरेन्द्रानंद महाराज ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा आत्म निर्भर भारत तथा लोकल फोर वोकल को धरातल पर उतारने के प्रयासों में उनका मिशन कार्य कर रहा है। संत परम्परा का निर्वहन करते हुए समाज में शिक्षा,संस्कार,संस्कृति,समरसता और सेवा की अलख जगाने का प्रयास कर रहे है। उन्होने कहा कि विश्वव्यापी महामारी के दौर भी कुम्भ महापर्व दिव्य और भव्य होगा।

कुम्भ पर्व को लेकर हर स्तर पर तैयारियाॅ पूर्णता की ओर है। उन्होने कहा कि उनका उददे्श्य व्यक्ति निर्माण की धुरी पर सशक्त राष्ट्र का निर्माण करना है। हिमालयन योगी के नाम से विख्यात स्वामी वीरेन्द्रानंद पर्यावरण के प्रति भी लोगों को जागरूक करने का कार्य कर रहे है।

 

पिछले वर्ष 16जुलाई को उन्होने एक दिन में डेढ़ लाख पौधारोपण कर एक अलग इतिहास कायम किया है। मानवता के प्रति उनकी सोच हमेशा से उल्लेखनीय रही है। यही वजह है कि कोरोना काल के दौरान जब लाॅकडाउन लागू था तो इनके द्वारा संचालित सत्कर्म मिशन ने दिन रात प्रवासियों की सेवा मे जुटी रही। सत्कर्मा मिशन की ओर से धारचूला,मनुस्यारी आदि के गा्रम सभाओं में कई दिनों तक अनवरत रसोई चलता रहा।

इस दौरान सैनेटाइजर,माॅस्क,ग्लब्ज के अलावा 12000 परिवारों को काफी समय तक राशन किट उपलब्ध कराते रहे। मिशन के द्वारा आठ हजार से अधिक छात्र-छात्राओं व उनके अभिभावकों को विभिन्न गाॅवों तक छोड़ने की व्यवस्था की ।इतना ही नही मिशन ने 17000लोगों को उनके गंतव्य तक पहुचाया।20हजार लोगों को कोरोना प्रतिज्ञा प्रपत्र घर-घर वितरित कर आम जनमानस को कोरोना के प्रति जागरूक किया।

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