हरिद्वार में कुम्भ मेले की आधी अधूरी तैयारियों से नाराज जूना अखाड़े के संतों ने कुम्भ मेला प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया।

 

हरिद्वार : हरिद्वार में कुम्भ मेले की आधी अधूरी तैयारियों से नाराज जूना अखाड़े के संतों ने कुम्भ मेला प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। जूना अखाड़े के अंतरष्ट्रीय GB अध्यक्ष प्रेम गिरी महाराज के नेतृत्व में बड़ी संख्या में जूना अखाड़े के संत मेला नियंत्रण भवन पहुँच गए और धरने पर बैठ गए। इस दौरान उन्होंने जमकर नारेबाजी भी की।

 

 

उन्होंने कहा कुंभ मिला विश्व की धरोहर है पूरे विश्व को निगाहें इस पर टिकी रहती हैं,इसकी गरिमा , महत्व, तथा गौरव को किसी भी कीमत पर समाप्त नहीं होने दिया जा सकता है।यदि सरकार व्यवस्था नहीं करती है तो सभी अखाड़े अपने स्तर पर मेला कराने में सक्षम हैं।श्री महंत प्रेम गिरी महाराज ने प्रशासन को दो दिन का अल्टीमेटम देते हुए चेतावनी दी कि अगर समय रहते काम नहीं हुआ तो नागा सन्यासी देहरादून कूच कर प्रदर्शन करेंगे।

 

 

इस दौरान श्रीमहंत प्रेम गिरी महाराज ने कहा कि कुम्भ मेले के लिए बरेली से जूना अखाड़े की पेशवाई हरिद्वार के लिए रवाना हो गई है, इस पेशवाई में जूना अखाड़े के सैकड़ो रमता पंच और महामंडलेश्वर शामिल है। मगर अभी तक हरिद्वार में न तो छावनियां लगी है और न ही इन संतो के रहने खाने पीने ठहरने और सुरक्षा के लिए कोई व्यवस्था नही हुई है।

 

प्रत्येक कुम्भ मेले में प्रशासन द्वारा ये सभी व्यवस्था की जाती है और 25 जनवरी को ये पेशवाई हरिद्वार पहुंचेगी। 2 किलोमीटर लंबी ये पेशवाई होती है। कई बार वार्ता करने के बावजूद कुम्भ मेला प्रशासन पेशवाई में आने वाले संतो की कोई व्यवस्था नही कर पाया। विवश होकर उन्हें धरने पर बैठना पड़ा। वही उप मेलाधिकारी अंशुल सिंह के आश्वासन पर संतो ने धरना समाप्त किया। अंशुल सिंह का कहना है कि जल्द ही पेशवाई में आने वाले संतो के ठहरने से लेकर सभी आवश्यक व्यवस्था कर दी जाएगी।

नागा साधुओं के उग्र तेवर देख कर प्रशासन के होश उड़ गए,मौके पर पहुंचे उप मेलाधिकारी दयानन्द सरस्वती, तुषार आदि ने सभी व्यवस्थाएं समय रहते पूरी करने के आश्वासन के बाद धरना ख़तम किया गया। धरना देने वालों में सचिव श्री महंत महेश पूरी,महंत लाल भारती,महादेवानंड, राजेंद्र गिरी,विवेक पुरी, रणधीर गिरी, आजाद गिरी,आदि प्रमुख थे।

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