अब एम्स प्रमुख डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि देश को किसी भी हालात का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए…..

दिल्ली : ओमिक्रॉन के नए वेरिएंट ने दुनिया भर में चिंता बढ़ा दी है। ब्रिटेन में हर दिन मिल रहे करीब एक लाख कोरोना केस में दस हजार ओमिक्रॉन के पाए गए। ऐसे में अब भारत की चिंता बढ़ना भी लाजमी है। एम्स प्रमुख डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि देश को किसी भी हालात का सामना करने के लिए तैयार रहना चाहिए। उन्होंने देश में ओमिक्रॉन वेरिएंट समेत कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच ये चेतावनी दी है। भारत में अब तक ओमिक्रॉन वैरिएंट के 150 से ज्यादा केस दर्ज हो चुके हैं। कोरोना का यह नया वैरिएंट बेहद संक्रामक माना जाता है।

दुनिया भर में इस वैरिएंट के हजारों की संख्या में मामले सामने आ रहे हैं।
ब्रिटेन में तो रविवार को ओमिक्रॉन वैरिएंट के दस हजार के करीब केस सामने आए हैं। ब्रिटेन में बढ़ते मामलों का ही हवाला देते हुए गुलेरिया ने कहा कि हमें भी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहना होगा। ब्रिटेन में हर रोज करीब एक लाख केस सामने आ रहे हैं। डॉ. गुलेरिया ने कहा कि हमें ओमिक्रॉन पर अभी डेटा की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि अमेरिका, ब्रिटेन और अन्य देशों में कोरोना के बढ़ते ग्राफ पर हमें सतर्क नजर रखनी होगी। यह समझदारी भरा कदम होगा कि हम पहले ही ऐसी किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए खुद को तैयार रखें।

डब्ल्यूएचओ का कहना है कि ओमिक्रॉन का दुनिया में सबसे पहले पता साउथ अफ्रीका में चला था। 9 नवंबर को पहली बार इस वैरिएंट (B.1.1.529 ) का नमूना लिया गया था, जिसकी पुष्टि 25 नवंबर को हुई थी। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 26 नवंबर को कोविड-19 के इस वैरिएंट को (B.1.1.529) नाम दिया गया था। फिर ओमिक्रॉन को वैरिएंट ऑफ कंसर्न दिया गया था।

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