कल हड़ताल पर रहेंगे एलोपैथ चिकित्सक तो आयुष चिकित्सक करेंगे निशुल्क उपचार-नीमा पदाधिकारियों ने आईएमए के बारे में कही यह बात……
रूड़की। नीमा ने आयुष चिकित्सकों को सर्जरी की अनुमति दिए जाने की बात को गलत बताया। उन्होंने कहा कि कोई भी साधारण आयुष चिकित्सक या एमबीबीएस कभी सर्जरी कर ही सकता। आयुष में केवल एमएस किये हुए चिकित्सक और ऐलोपैथिक में एमडी किये हुए चिकित्सक ही सर्जरी कर सकती है। वहीं 11 दिसम्बर को आईएमए की हड़ताल के दौरान नीमा ने निशुल्क चिकित्सा शिविर लगाने का एलान किया।
रूड़की में रामपुर चुंगी स्थित एक होटल में आयोजित पत्रकार वार्ता में नेशनल इंटेग्रेटेड मेडिकल एसोसिएशन रूड़की के सचिव डॉ. रजा अहमद ने कहा कि कुछ संगठन यह झूठ फैला रहे हैं कि बीएएमएस चिकित्सक सर्जरी कर सकते हैं उन्होंने कहा कि कोई भी साधारण बीएएमएस कभी सर्जरी नही कर सकता केवल एमएस करने के बाद ही सर्जरी की जा सकती है इसके साथ ही एलोपैथ में एमबीबीएस भी सर्जरी नही कर सकता उसमें भी केवल एमडी को ही सर्जरी की अनुमति है।
उन्होंने एमएस चिकित्सकों को सर्जरी की अनुमति दिए जाने पर सीसीपीएम और भारत सरकार का आभार जताया। मीडिया प्रभारी डॉ सागर प्रताप सिंह ने कहा कि 11 दिसम्बर को आईएमए चिकित्सकों द्वारा जो हड़ताल की घोषणा की है वह केवल मरीजों को परेशान करने के उद्देश्य से है कहा कि आईएमए चिकित्सक इस दिन इमरजेंसी देखकर गरीब मरीजो को आर्थिक रूप से परेशान करेंगे। वहीं इस दिन मरीजों को परेशानी न हो इसे देखते हुए देश भर के करीब साढ़े बारह लाख आयुष चिकित्सकों के क्लीनिक पर निशुल्क शिविर लगाया जाएगा। इस दिन किसी भी क्लीनिक पर पंजीकरण शुल्क नही लिया जाएगा। रूड़की और आसपास क्षेत्र के करीब 150 क्लीनिक पर भी ओपीडी निशुल्क संचालित होगी।
नीमा के पदाधिकारियों ने कहा एलोपैथिक चिकित्सक आयुर्वेद दवाइयों को बेचकर पैसा कमाने का काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद चिकित्सा की सबसे पुरानी और अच्छी पद्धति है कहा कि कोरोना काल मे भी आयुष के काढ़े और दवाइयों का इस्तेमाल किया गया। इसके साथ ही अधिकतर कोविड केयर सेंटरों में भी आयुष चिकित्सकों ने ही कोरोना मरीजों का उपचार किया है। इस अवसर पर प्रोफेसर डॉक्टर इरफान उल हक, डॉ योगेश कुमार, डॉक्टर फैजान अली,नवील खालिद, अरुण कुमार, कलीम अहमद आदि लोग मौजूद रहे।