एम्स ऋषिकेश में भी एड्स के मरीजों का इलाज विधिवत शुरू हुआ!

एम्स ऋषिकेश में भी एड्स के मरीजों का इलाज विधिवत शुरू हो गया है। यहां एंटी रेट्रोवायरल थेरेपी सेन्टर ने कार्य करना शुरू कर दिया है। यह क्लीनिक सप्ताह में 5 दिन संचालित किया जाएगा। मंगलवार को निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रविकांत ने ई-उद्घाटन के माध्यम से बटन दबाकर एआरटी सेन्टर के संचालन की शुरूआत की।

एड्स मरीजों के लिए अच्छी खबर है। अब उन्हें एम्स ऋषिकेश में भी इलाज की सुविधा मिलेगी। पहले इस रोग से ग्रसित मरीजों को देहरादून और हल्द्वानी तक जाना पड़ता था। विश्व एड्स दिवस के अवसर पर एम्स के निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रविकान्त ने ई उद्घाटन के माध्यम से बटन दबाकर एआरटी सेन्टर के संचालन की शुरूआत की।

उन्होंने कहा कि अगले सत्र से पीजी डिप्लोमा छात्रों के लिए एड्स सम्बन्धित पाठ्यक्रम लागू किया जाएगा। ताकि डिप्लोमा छात्र भी इस विषय पर चिकित्सीय अनुभव हासिल कर सकें। नर्सिंग स्टाफ और तकनीशियनों के लिए भी एड्स के बारे में नियमित तौर से प्रशिक्षण कार्यक्रमों का संचालन होना चाहिए।

निदेशक ने इस विषय पर पर जन-जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन करने की बात भी कही। एआरटी सेन्टर की सचिव व जनरल मेडिसिन विभागाध्यक्ष डा. मीनाक्षी धर ने बताया कि एम्स में एआरटी सेन्टर खुलने से गढ़वाल क्षेत्र में रह रहे एड्स संक्रमित व्यक्तियों को विशेष लाभ होगा।
सेन्टर सप्ताह में 5 दिन, सोमवार से शुक्रवार तक अपरान्ह 2 बजे से 5 बजे तक संचालित होगा। बताया कि इस क्लीनिक में काउन्सलर की सुविधा भी उपलब्ध है। एड्स संक्रमित व्यक्ति इलाज हेतु एम्स के जनरल मेडिसिन विभाग की ओपीडी में पंजीकरण करवा सकता है।

इस मौके पर डीन अस्पताल प्रशासन, प्रोफेसर यूबी मिश्रा, डीन एकेडेमिक प्रोफेसर मनोज गुप्ता, प्रभारी एमएस डा.लतिका मोहन,डा.वर्तिका सक्सैना, डा. नवनीत कुमार, डा. सोमप्रकाश वासु, डा. प्रतिमा गुप्ता, डा. नेऋता हजारिका, डा. मीनाक्षा खापरे और डा. मुकेश बैरवा सहित अन्य मौजूद रहे

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