उत्तराखंड में बिना अनुमति अनुपस्थित चल रहे शिक्षकों पर सख्त कार्यवाही के निर्देश, निदेशक माध्यामिक शिक्षा सीमा जौनसारी के अधिकारियों को सख्त निर्देश…..
देहरादून : उत्तराखण्ड राज्य के अन्तर्गत संचालित समस्त शिक्षण संस्थानों में भौतिक रूप से पठन-पाठन प्रारम्भ होने के उपरान्त विद्यालयों में कोविड-19 प्रोटोकॉल के साथ-साथ SOP का अनुपालन सुनिश्चित किये जाने हेतु विद्यालयों का अनुश्रवण करने एवं प्रतिदिन की अध्यापक उपस्थिति उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये हैं। उक्त के क्रम में जनपदों की आख्या के आधार पर मण्डल द्वारा प्रेषित की जाने वाली अध्यापक उपस्थिति की सूचना में बड़ी संख्या में अनुपस्थित शिक्षकों का विवरण संज्ञान में आ रहा है, जो कि अत्यन्त चिन्ताजनक है। दिनांक 03 सितम्बर, 2021 को प्रेषित जनपदवार सूचना का अवलोकन करने से निम्नवत तथ्य संज्ञान में आ रहे हैं।
1. प्रदेश में 1588 शिक्षक आकस्मिक / व्यवधान / प्रतिकर अवकाश पर अंकित किये गये हैं. जिसमें यह स्पष्ट नहीं है कि कितने शिक्षक आकस्मिक अवकाश पर हैं तथा शिक्षकों को व्यवधान / प्रतिकर अवकाश किस आधार पर अनुमन्य किया गया है। जनपद पौड़ी, टिहरी, उत्तरकाशी, हरिद्वार, अल्मोड़ा तथा नैनीताल एवं पिथौरागढ़ में बड़ी संख्या में शिक्षक उक्त श्रेणी के अवकाश पर प्रदर्शित किये गये हैं। जनपदवार तत्काल स्पष्टीकरण देना सुनिश्चित करें कि शिक्षकों को किस आधार पर व्यवधान / प्रतिकर अवकाश प्रदान किया जा रहा है।
2. प्रदेश स्तर पर 342 शिक्षक विभागीय कार्य (कोविड) पर प्रदर्शित किये गये हैं, जिनमें जनपद पौड़ी, रूद्रप्रयाग, देहरादून में अपेक्षाकृत बड़ी संख्या में शिक्षक OD पर दिखाये गये हैं, जबकि चमोली, अल्मोड़ा तथा नैनीताल में भी उक्त श्रेणी में शिक्षकों को विद्यालय से अनुपस्थित प्रदर्शित किया गया है। यह स्थिति अत्यन्त चिन्ताजनक है। शिक्षकों को विभागीय कार्य से ऑनड्यूटी भेजे जाने हेतु सम्बन्धित विद्यालय के प्रधानाचार्य का स्पष्टीकरण तथा मुख्य शिक्षा अधिकारी का स्पष्टीकरण प्राप्त किया जाय।
3. अन्य कारण से 91 शिक्षक विद्यालय से अनुपस्थित बताये गये हैं, जिनमें जनपद टिहरी, देहरादून, अल्मोडा तथा नैनीताल में अधिक संख्या है। परन्तु जनपद स्तर से उक्त बिन्दु पर कोई स्पष्ट आख्या नहीं दी गई है।
4. प्रदेश में 78 शिक्षक कोविड ड्यूटी पर दिखाये गये हैं, जिनमें जनपद टिहरी, उत्तरकाशी, अल्मोड़ा तथा नैनीताल से अधिक शिक्षक हैं। इस सन्दर्भ में जिला प्रशासन से समन्वय करते हुए छात्रहित में शिक्षकों की विद्यालय में उपलब्धता सुनिश्चित करवाई जाय।
उक्त के आलोक में आपको निर्देशित किया जाता है कि ऐसे अध्यापक जो बिना अनुमति के छुट्टी पर रहे हैं अथवा दीर्घ समय से विद्यालय में अनुपस्थित चल रहे हैं, के विरुद्ध नियमानुसार अनुशासनात्मक / दण्डात्मक कार्यवाही करते हुए कृत कार्यवाही की सूचना से निदेशालय को अवगत करायें तथा अधिक संख्या में शिक्षकों की अनुपस्थिति के सम्बन्ध में अपने स्तर से समीक्षा करें विद्यालयों में अत्यधिक अध्यापक अनुपस्थित हैं, यह एक गम्भीर स्थिति है।
अतः अपने स्तर से अनुपस्थित अध्यापकों की निरन्तर समीक्षा करते हुए उक्त के सम्बन्ध में आख्या तत्काल निदेशालय को प्रेषित करना सुनिश्चित करें।