देश में WHO ने कोरोना के नए वेरिएंट को देखते हुए दी चेतावनी, Deltacron से बढ़ा जोखिम….

दिल्ली : दुनिया के कई देशों में दोबारा से कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने लगे हैं. ऐसे में लोग दोबारा से महामारी को लेकर आशंकित हो गए हैं. इसी बीच विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि जब तक सभी देश वैक्सीनेशन प्रक्रिया को पूरी नहीं कर लेते, तब तक दुनिया बढ़ते कोविड -19 संक्रमण और इसके सामने आ रहे नए वेरिएंट के साथ लड़ती रहेगी।

WHO के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयियस ने कहा है कि हम सभी महामारी से आगे बढ़ना चाहते हैं. हम इसे कितना भी दूर कर लें, यह महामारी खत्म नहीं हुई है. जब तक सभी देश वैक्सीन से कवर नहीं हो जाते, तब तक हम संक्रमण के बढ़ने और नए वेरिएंट के जोखिम का सामना करना जारी रखेंगे।

नये मामलों में 7 फीसदी की वृद्धि
इससे पहले WHO ने कहा था कि पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र में बढ़ते संक्रमण के कारण पिछले सप्ताह वैश्विक स्तर पर नए कोरोनो वायरस के मामलों की संख्या में 7 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. हालांकि, कोविड-19 से होने वाली मौतों में गिरावट आई है. घेब्रेयियस ने कहा कि कोविड -19 मामलों में वैश्विक वृद्धि जारी है. इसका कारण एशिया में महामारी का बढ़ता प्रकोप और यूरोप में ताजा लहर है. कई देशों में महामारी की शुरुआत के बाद से अब अधिक मौतें हो रही हैं. मौतों की यह आंकड़ा ओमिक्रॉन के फैलने से बढ़ा है. इसके साथ ही जिन लोगों ने वैक्सीन नहीं लगाई है, उनके लिए मौत का खतरा बढ़ गया है।

संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी के प्रमुख ने कहा कि WHO का लक्ष्य इस साल के मध्य तक हर देश की 70 प्रतिशत आबादी का वैक्सीनेशन करना है, जिसमें स्वास्थ्य कर्मियों, बुजुर्गों और अन्य जोखिम वाले ग्रुपों को प्राथमिकता दी जाती है।

उन्होंने कहा कि कुछ हाई इनकम वाले देशों ने दूसरी बूस्टर डोज का प्रस्ताव रखा है, लेकिन दुनिया की 1/3 आबादी का अभी तक वैक्सीनेशन नहीं हुआ है. हालांकि, कई देशों में वैक्सीनेशन को लेकर प्रगति हुई है. नाइजीरिया में आपूर्ति स्थिर होने के बावजूद वैक्सीनेशन में वृद्धि हुई है. एजेंसी के अनुसार, 12 मिलियन से अधिक नए साप्ताहिक मामले सामने आए हैं और मृत्यु दर में 23 प्रतिशत की गिरावट आई है।

स्वास्थ्य एजेंसी ने कहा कि इस साल जनवरी से कोरोना वायरस मामलों में गिरावट आनी शुरू हुई थी, लेकिन अब इनमें पिछले हफ्ते से दोबारा से बढ़ोतरी होनी शुरू हो गई है. इसकी वजह यूरोप, उत्तरी अमेरिका और अन्य देशों में कोविड-19 प्रोटोकॉल को समाप्त करना रहा।

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