उत्तराखंड में कोरोना को लेकर स्वास्थ्य सचिव ने जारी की एडवाइजरी, जिलाधिकारियों तथा मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को दिए ये निर्देश…

देहरादून : उत्तराखण्ड में कोविड महामारी से बचाव एवं नियंत्रण हेतु निरन्तर किए जाने वाले उपायों को लेकर स्वास्थ्य सचिव डा० पंकज कुमार पाण्डेय द्वारा एडवाइजरी जारी की गयी है। समस्त जिलाधिकारियों तथा मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि कोविड-19 से बचाव एवं नियंत्रण के उपायों को निरन्तर बनाए रखा जाए तथा सामाजिक एवं आर्थिक गतिविधियों को जारी रखते हुए सभी प्रकार की सतर्कता पर बरती जाए।

स्वास्थ्य सचिव डा० पाण्डेय ने एडवाइजरी में कहा है कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के दिशा-निर्देशों क्रम में कोविड-19 के खतरे को और अधिक कम करने के लिए निम्न उपायों को जारी रखा जाए।

• सभी जनपद पांच स्तरीय रणनीतिः टेस्ट-ट्रेक- ट्रीट- वैक्सीनेशन तथा कोविड अनुरूप व्यवहार का पालन नियमित रूप से करें।

• कोविड वैक्सीनेशन के लिए पात्र लोगों को प्रोत्साहित करें, उनका टीकाकरण करवाएं और युवा वयस्क आबादी को वैक्सीनेशन द्वारा आछादित करते हुए प्रीकॉशनरी डोज़ एवं दोनो वैक्सीन डोज़ को पूर्ण कराएं।

• कोविड- 19 सैम्पल जांच आई०सी०एम०आर द्वारा निर्धारित प्रॉटोकॉल के अनुसार सुचारू रूप से होती रहे।

सर्दी जुखाम एवं श्वशन संक्रमण से ग्रसित मरीजों का कोविड-19 टैस्ट नियमित रूप से किया जाए और इस प्रकार के मरीजों का विवरण इन्टीग्रेटड हैल्थ इन्फॉरमेसन प्लेटफॉर्म पर प्रसारित की जाए। • सभी जनपद आमजन को कोविड अनुरूप व्यवहार अपनाएं रखने के बारे में जागरूक करते रहें जिसमें मास्क पहना, भीड़-भाड़ वाले इलाके में शारिरिक दूरी का अनुपालन तथा हाथो की नियमित सफाई और खांसते एवं छीकते समय स्वच्छता का ध्यान रखना सम्मिलित है।

70% – 80% आर०टी०पी०सी०आर सैम्पल टेस्टिंग चिन्हित प्रयोगशालाओं में की जाएगी एवं त्वरित रिजल्ट के लिए रैपिड एन्टीजन टेस्ट आवश्कतानुसार किया जाये यदि संदिग्ध रोगी निगेटिव आता है तो उसकी आर०टी०पी०सी०आर जांच से पृष्टि अवश्य करा ली जाए।

• सभी जनपद आकस्मिकता को ध्यान में रखते हुए कोविड मरीजों के लिए शय्याओं की उपलब्धता हेतु कार्य

योजना तैयार रखें ताकि किसी भी समय स्थिति पर नियंत्रण किया जा सके।

• सभी जनपद अपने संबंधित आर०टी०पी०सी०आर लैब समन्वय बनाए रखते हुए जीनोम सिक्वेंसिग टेस्ट को सुचारू बनाए रखें, नयें वैरियंट का समय से पता लगाने के लिए दून मेडिकल कॉलेज की लैब को समयान्तर्गत सैम्पल भेजा जाए।

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