कौन है कोविड अस्पताल दुधाधारी में भर्ती लापरवाही का जिम्मेदार, कोरोना संक्रमित संतोष पाठक का।

हरिद्वार : आखिर कोरोना संक्रमित संतोष पाठक उसी अस्पताल की दूसरी बिल्डिंग में मिल गया है। उसके आक्सीजन का सिलेंडर भी लगा बताया गया है। संतोष के वकील भाई के पुलिस में तहरीर देने तथा मीडिया के सक्रिय होने पर संतोष पाठक मिल पाया है। पुलिस भी पहुंची और फिर पूरे अस्पताल को छान मारा गया है। यह जांच का विषय है कि वह कोविड वार्ड से सिलेंडर सहित दूसरी बिल्डिंग के एक कोने में कैसे पहुंच गया। इसके पीछे क्या कहानी है की जांच होनी चाहिए। ऐसा तो नहीं कि उसको मरने के लिए वहां छोड़ दिया हो और जब मामला तूल पकड़ने लगा और खोजबीन शुरू हुई तो वहीं पर उसको आक्सीजन का सिलेंडर लगा कर छोड़ दिया गया हो। अशोक पाठक एडवोकेट ने पार्षद अनिल मिश्रा को बताया कि जहां पर उनका भाई आज मिला है। उस जगह पर वह कल तीन बार गया था।अब सवाल यही है कि कल वह कोविड वार्ड से गायब था और जहां से आज मिला वहां भी नहीं था तो आखिर संतोष से आज दोपहर तक कहां था। इस लापरवाही की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए।

बहरहाल राहत की बात यह है कि सभी के मिले जुले प्रयास वह बुरी स्थिति में किंतु जीवित मिल गए हैं। अशोक पाठक एडवोकेट है तो उन्हें इसकी तय में जाना चाहिए।हो सकता उनके प्रयास से व्यवस्था में कुछ सुधार हो।

इससे पहले का घटनाक्रम इस प्रकार है

रविवार 25 अप्रैल को दिन में एक बजे अस्थाई कोविड अस्पताल दुधाधारी में भर्ती किया था। कल उसके होम आइसोलेशन भेजने के कागज बनाने की बात सामने आई। लेकिन उसका पता नहीं कहां है। परेशान परिजनों को कुछ बताया ही नहीं जा रहा है। उसके भाई अशोक पाठक एडवोकेट कल से उसका पता लगाने में लगे हैं परन्तु अस्पताल कुछ बता नहीं रहा है। यह भी बताया जा रहा कि कल पांच लोगों की मृत्यु भी हुई और एक शव को उसके परिजन ले गए थे। लेकिन संतोष पाठक का अभी पता नहीं बताया जा रहा है। यह कैसी व्यवस्था है, कैसा सिस्टम है।

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