उत्तराखंड के यहाँ लोग घरों में कैद, 12 दिन बाद भी आवाजाही नहीं शुरू, सुरक्षित प्रसव के लिए गर्भवती को भेजा गया थराली…….

देहरादून: बारिश से सड़कें बदहाल है। आवाजही मुश्किल हो रही है। वहीं गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गाें को सबसे अधिक जूझना पड़ रहा है। चार हजार की जनसंख्या वाला सोल क्षेत्र का सबसे बड़ा रतगांव का संपर्क 12वें दिन भी कटा हुआ है। लोग अभी भी घरों में कैद हैं। हालांकि अभी गांव में राशन की किल्लत नहीं है। लेकिन स्वास्थ्य के लिहाज से दुश्वारियों पैदा हो गई हैं। गांव में जहां 20 से अधिक बीमार बुजुर्ग हैं वहीं 9 गर्भवती महिलायें भी हैं।

बुजुर्ग और बीमार लोग अस्पताल तक नहीं पहुंच पा रहे हैं। तो गर्भवती महिलाओं के लिए भी स्वास्थ्य जांच सहित अन्य समस्याएं समस्याएं खड़ी हो रही हैं। लोगों ने जल्द रतगांव के लिए आवागमन के लिए बैली ब्रिज बनाने की मांग की है।

ढाढ़रबगड़ के घटगाड़ गदेरे में आवागमन के लिए बनी अस्थायी पुलिया 12 दिन पहले बह गई। जिसके चलते रतगांव का संपर्क कटा हुआ है। हालांकि यहां पर लोनिवि द्वारा बैली ब्रिज का निर्माण किया जा रहा है। लेकिन 12 दिनों से गांव का आवागमन नहीं होने से दिक्कतें बढ़ रही है।

गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गाें के लिए भी आवागमन बंद होना चुनौती
खास तौर से गांव में स्वास्थ्य संबधी परेशानियां हैं। यहां माह के पहले शनिवार को गर्भवती महिलाओं और बच्चों का टीकाकरण होता है। ऐसे में शनिवार को स्वास्थ्य कर्मियों को जंगल के रास्ते करीब 10 किमी की पैदल रतगांव की दूरी नापनी होगी।

वहीं गांव में गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गाें के लिए भी आवागमन बंद होना चुनौती बना है। आशा कार्यकर्ती सुनीता देवी ने बताया कि दो महिलाओं को जुलाई में प्रसव होना था। उनमे से एक महिला को परामर्श पर सुरक्षित प्रसव के लिए तीन दिन पहले थराली भेजा गया है। जिनका प्रसव शुक्रवार को हुआ। वहीं दूसरी महिला को भी सुरिक्षत स्थान पर जाने को कहा गया है।

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