उत्तराखंड विधानसभा सत्र में आज 5 हजार 444 करोड़ का अनुपूरक बजट हुआ पेश, महिला आरक्षण क़ो लेकर भी सरकार ने उठाया बड़ा कदम…..
देहरादून: विधानसभा का सात दिवसीय शीतकालीन सत्र आज मंगलवार से शुरू हो गया है। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कानून व्यवस्था पर कांग्रेस ने नियम 310 के तहत चर्चा की मांग की। कांग्रेस के कुछ विधायक सदन के बाहर धरने पर बैठ गए। शाम चार बजे वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने 5 हजार 444 करोड़ का अनुपूरक बजट सदन के पटल पर रखा।
सदन की कार्यवाही के दौरान हल्द्वानी से कांग्रेस विधायक सुमित हृदयेश के सवाल को स्थगित किये जाने पर विपक्ष नाराज हो गया। सुमित हृदयेश ने रिंग रोड बनाये जाने की मुख्यमंत्री की घोषणा का प्रश्न उठाया था। इस पर सत्ता पक्ष ने कहा कि रिंग रोड एनएएचआइ के तहत बन रही है।
वहीं विधायक संजय डोभाल वन प्रभागों में दैनिक मजदूरी करने वाले मजदूरों का मामला भी सदन में उठाया। कहा कि वर्षों से कम मानदेय पर काम कर रहे इन मजदूरों को नियमित किया जाए।
कांग्रेस विधायक अनुपमा रावत ने राजाजी रिजर्व पार्क में गुज्जरों के पशुओं को चुगान और लोपिंग के परमिट का मामला उठाया। कहा कि हरिद्वार ग्रामीण में काफी संख्या में वन गुज्जर लोग रहते हैं, जिनको पशु चुनाग के परमिट नहीं दिए गए हैं। विधायक प्रीतम सिंह पंवार ने गढ़वाली कुमाऊंनी जौनसारी बोली को लेकर सरकार से पूछा कि इनके बढ़ावे के लिए क्या तैयारी की जा रही है।
भाषा मंत्री सुबोध उनियाल प्रादेशिक बोली को लेकर सदन में जवाब दिया लेकिन विपक्ष के विधायक भाषा मंत्री के जवाब से संतुष्ट नहीं हुए। प्रसाद योजना पर विधायक संजय डोभाल ने धर्मस्व मंत्री से सवाल पूछा। कहा कि यमुनोत्री धाम में प्रसाद योजना के अंतर्गत कितने धन की व्यवस्था की है?
विधानसभा में झबरेड़ा विधायक नरेंद्र ने इकबालपुर नहर परियोजना का मामला उठाया। 2013-14 में रुड़की गंगनहर से निकालकर यह परियोजना स्वीकृत की गई थी। लेकिन यह नहर परियोजना आज तक बनकर तैयार नहीं हुई। इस परियोजना से इस क्षेत्र के तकरीबन 75 गांव सिंचाई से लाभान्वित होंगे। यह परियोजना यूपी-उत्तराखंड के बीच फंसी है।
वहीं सिंचाई मंत्री सतपाल महाराज ने सदन में कहा कि टिहरी झील में फैली गंदगी को हटाने के लिए नई व्यवस्था बनेगी। बरसात के सीजन में लकड़ी, जानवरों के शव, कूड़ा करकट हटाने के लिए व्यवस्था बनाई जा रही है।
विधायक विक्रम सिंह नेगी ने टिहरी झील में फैली गंदगी को हटाने को लेकर सवाल पूछा था। कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह ने विशेषाधिकार हनन का का मुद्दा उठाया। कहा कि विधायकों के विशेषाधिकार हनन को लेकर सरकार गम्भीर नहीं है।
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि विधायकों के विशेषाधिकार हनन पर पीठ सरकार को निर्देश दे। जिस पर संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने जवाब दिया। कहा कि सदन हर सदस्य का सम्मान करता है। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा हम पूरी तरह से परीक्षण कराएंगे उसके बाद निर्णय लेंगे। मंगलवार को सदन में दिवंगत पूर्व विधायक केदार सिंह फोनिया को श्रद्धाजंलि भी दी गई।
उत्तराखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हो गया है। पांच दिसंबर तक चलने वाले सत्र में कानून व्यवस्था से जुड़े अंकिता हत्याकांड और केदार भंडारी प्रकरण के अलावा उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) परीक्षा घोटाले पर हंगामा होने के आसार हैं। इस दौरान प्रदेश में सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 30 फीसदी क्षैतिज आरक्षण को लेकर उत्तराखंड लोक सेवा(महिलाओं के क्षैतिज आरक्षण) विधेयक 2022 सदन में पेश किया गया। वहीं, 5440.43 करोड़ का अनुपूरक बजट भी सीएम धामी और वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने पेश किया।
इस दौरान विधायक सुमित हृदयेश और विधायक मयूख महर के दो प्रश्नों को स्थगित करने को लेकर विपक्ष नाजार दिखा। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने विस अध्यक्ष से उनके प्रश्नों को भी जोड़ने की मांग की। उन्होंने कहा कि इन प्रश्नों को केंद्रीय विषय होने के आधार पर निरस्त किया गया है। इस पर नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सड़क और परिवहन केंद्रीय सूची के विषय नहीं बल्कि समवर्ती सूची का विषय है। यानी सड़क के मामले में केंद्र और सरकार की जिम्मेदारी होती है। राज्य में इन सड़कों में से अधिकांश की निर्माण और रख-रखाव हमारे विभागों से किया जा रहा है, इसलिए इसे केंद्रीय विषय नहीं कहा जा सकता है।
सत्र के पहले दिन प्रश्नकाल में विपक्ष के विधायकों ने क्षेत्र की समस्याओं को लेकर सवाल पूछे। विपक्ष की ओर से प्रदेश में कानून व्यवस्था को लेकर नियम 310 में उठाए गए कार्य स्थगन प्रस्ताव पर नियम 58 में चर्चा की जाएगी। सदन के भीतर फिर भाजपा के मंत्री ने अपनी ही सरकार को परेशानी में डाल दिया। विकासनगर से बीजेपी विधायक मुन्ना सिंह चौहान ने वन गुजर को लेकर प्रश्न पूछा जिस पर वन मंत्री सुबोध उनियाल संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए।
वहीं, झबरेडा विधायक बीरेंद्र जाति ने इकबालपुर नहर परियोजना का मामला उठाया। वहीं, विक्रम सिंह नेगी ने टिहरी झील में फैली गंदगी को हटाने पर सवाल किया। कांग्रेस विधायक प्रीतम सिंह ने विशेषाधिकार हनन का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि विधायको के विशेषाधिकार हनन को लेकर सरकार गंभीर नहीं है। संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा हम चाहते हैं सभी सदस्यों का मान सम्मान बना रहना चाहिए। विधानसभा अध्यक्ष ने कहा हम पूरी तरह से परीक्षण कराएंगे, उसके बाद ही निर्णय लेंगे। विधायक संजय डोभाल ने वन प्रभागों में दैनिक मजदूरी करने वाले मजदूरों का मामला उठाया।
कहा कि मजदूर वर्षों से कम मानदेय पर काम कर रहे हैं। इन मजदूरों को नियमित होना चाहिए। कांग्रेस विधायक अनुपमा रावत राजाजी रिजर्व पार्क में गुजरों के पशुओं को चुगान और लोपिंग के परमिट का मामला उठाया। हल्द्वानी विधायक सुमित हृदेश ने नैनीताल जिले में टूटी सड़कों और क्षतिग्रस्त पुलों का मामला उठाया। विधायक प्रीतम सिंह पंवार ने गढ़वाली-कुमाऊंनी जौनसारी बोली को लेकर सरकार से सवाल पूछा। प्रश्नकाल के बाद पूर्व मंत्री केदार सिंह फोनिया के निधन पर शोक संवेदना व्यक्त गई।
उधर, सत्र शुरू होने से पहले ही किच्छा में कानून व्यवस्था को लेकर विधायक तिलकराज बेहड़ विधान सभा में धरने पर बैठ गए। उन्होंने कहा कि किच्छा में कानून व्यवस्था ठीक नहीं है। गुंडा गर्दी से लोगों में खौफ का माहौल है। किसानों का शेषण हो रहा है। सरकार को इस पर एक्शन लेना चाहिए।
विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने सभी दलों के विधायकों से सदन की गरिमा बनाने के लिए शब्दों और आचरण का ध्यान रखने की अपील की। साथ ही शांतिपूर्ण माहौल में जनहित के मुद्दों पर स्वस्थ चर्चा कर सरकार तक अपनी बात पहुंचाने का आग्रह किया।