टिहरी-15 साल बाद आखिरकार पुल बनकर तैयार,पर परमास्टिक के जोड़ो पर पड़ी दरार, आखिर जिम्मेदार कौन
बहुत लंबे इंतजार के बाद टिहरी डोबरा चांटी पुल का उद्घाटन सूबे के मुख्यमंत्री द्वारा किया गया । टिहरी के लोगो को और वहा पर आने जाने वाले लोगो को पूल के टूट जाने से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। वहीं काफी लोगो को करीबन 440 के मीटर की दुरी तय करनी होती थी और लोगो को उस समय पर नदी पार करने पर भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता था लेकिन अब लोगो की सब परेशानिया ख़त्म हो गई है। कभी गलत डिजाइन और कमजोर प्लानिंग ने समस्याएं खड़ी की तो कभी विषम परिस्थितियों ने रोड़े अटकाए। खैर 300 सौ करोड़ की लागत से बना और 15 साल बाद आखिरकार पुल बनकर तैयार हो गया।
8 नवंबर को राज्य स्थापना दिवस से एक दिन पहले सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने पुल का उद्घाटन किया था। पुल लोगों की आवाजाही के लिए खुल गया, लेकिन अब देश के सबसे लंबे सिंगल लेन सस्पेंशन ब्रिज के ऊपर बिछे मास्टिक के जोड़ों में दरार पड़ने लगी है
टिहरी और प्रतापनगर वासियों की उम्मीदों का पुल। इस पुल को आकार लेने में पूरे 15 साल लगे। बीते नवंबर में राज्य स्थापना दिवस के मौके पर पुल को जनता को समर्पित कर दिया गया, लेकिन उद्घाटन के कुछ ही दिन बाद डोबरा-चांठी पुल की एक ऐसी तस्वीर सामने आई है, जिसे देख टिहरी की जनता खुद को ठगा हुआ महसूस कर रही है। देश के पहले सिंगल लेन सस्पेंशन ब्रिज डोबरा-चांठी पर बिछी मास्टिक के जोड़ो में दरार पड़ने लगी है। जिसके बाद डोबरा-चांठी पुल का निर्माण करने वाली गुप्ता कंपनी एक बार फिर सवालों के घेरे में है। पुल का उद्घाटन हुए अभी एक महीना भी नहीं हुआ और पुल के मास्टिक में दरारें पड़ने लगी हैं।