हरिद्वार कुंभ: 2010 के हादसे से भी नहीं ले रहे सबक, जर्जर पुल की मरम्मत कम रंग रोगन ज्यादा
2010 के हरिद्वार कुंभ में जिस पर पुल पर कई लोगों ने अपनी जान गंवाई थी. आज भी वह पुल जर्जर अवस्था में है, लेकिन मेला प्रशासन मरम्मत के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति कर रहा है.
हरिद्वार: हरिद्वार कुंभ 2021 की तैयारी अंतिम चरण में है. फरवरी के तीसरे सप्ताह तक सरकार कुंभ की अधिसूचना भी जारी कर सकती है, लेकिन इस बार भी कुंभ प्रशासन पिछले हादसों कुछ सबक लेता हुआ नहीं दिख रहा है. क्योंकि 2010 के हरिद्वार कुंभ में बिरला घाट पर स्थित जिस ललतारा पुल पर बड़ा हादसा हुआ था, वो अभी जर्जर अवस्था में पड़ा है.
2010 के हरिद्वार कुंभ में जिस पर पुल पर कई लोगों ने अपनी जान गंवाई थी. आज भी वह पुल जर्जर अवस्था में है, लेकिन मेला प्रशासन मरम्मत के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति कर रहा है. कई जंगहों से पुल की रेलिंग टूटी हुई है, लेकिन उस पर कोई खास काम नहीं किया जा रहा है. पुल के ऊपर बड़ी-बड़ी स्क्रीन भी लगाई गई है. बावजूद इसके पुल की मजबूती के लिए कोई काम नहीं किया गया.
इस पुल को मेला प्रशासन कितनी गंभीरता से ले रहा है इसकी जानकारी वहां काम कर मजूदरों ने खुद दी. पुल पर कार्य कर रहे मजदूरों का भी कहना है इतनी मरम्मत से पुल मजबूत नहीं हो सकता है. मेला प्रशासन पुल की मजबूती कम इसकी सुंदरता पर ज्यादा ध्यान दे रहा है.
2010 का हादसा
2010 के कुंभ में जूना अखाड़े द्वारा किए जाने वाले शाही स्नान से पहले जूना अखाड़े के मंडलेश्वर पायलट बाबा अपनी गाड़ियों का काफिला लेकर इस पुल से गुजर रहे थे. तभी भारी भीड़ होने के कारण पुल पर भगदड़ मच गई और उस भगदड़ में कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी. उस हादसे के बाद सुरक्षा को देखते हुए पुल के बराबर में ही एक और पुल का निर्माण किया, लेकिन आज भी काफी लोग इस जर्जर अवस्था में पड़े पुल से ही गुजरते हैं.
कुंभ मेले से पहले सभी पुलों का सौंदर्यीकरण किया जा रहा है. इस पुल की भी मरम्मत की जा रही है, लेकिन इस पुल की मरमम्त बाद में बल्कि रंगाई पुताई पहले की जा रही है. पुल की मरम्मत करने वाले मजदूरों का कहना है कि पुल पर मरम्मत कराने से पहले पेंट कराया गया है. इससे काफी दिक्कत आ रही है. पुल पर ज्यादा टूटी हुई रेलिंग को उनके द्वारा रिपेयर किया जा रहा है.
इनका कहना है कि इससे पुल की मजबूती नहीं होगी सिर्फ यह काम चलाऊ ही कार्य हैं. ठेकेदार को कहा गया था कि इस पुल पर लोहे की रेलिंग या फिर जाली लगाई जाए तभी पुल को मजबूती मिलेगी. इस पुल की रेलिंग को लोग पकड़ कर नहीं चल सकते हैं, जिससे इसके टूटने का खतरा बना रहेगा.
वहीं, इस मामले में कुंभ मेलाधिकारी दीपक रावत का कहना है कि ललतारा पुल पर तीन कार्य किए जाने हैं. सुरक्षा को देखते हुए पुल पर कई कार्य किए जा रहे हैं. एचआरडीए के माध्यम से पुल पर लाइटिंग भी की जानी है, क्योंकि जो भी हरिद्वार में श्रद्धालु आता है उसे इस पुल से गुजरना होता है.