उत्तराखंड में कोरोना के बढ़ते खतरे के बावजूद उत्तराखंड में लक्ष्य से काफी कम कोरोना जांच की जा रही…….

देहरादून : कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रोन के खतरे के बीच भी सिस्टम की सुस्ती नहीं टूट रही है। राज्य में अब भी निर्धारित लक्ष्य से काफी कम कोरोना जांच की जा रही है। पिछले सप्ताह तय लक्ष्य के मुकाबले दो तिहाई जांच ही हो पाई।

इसके अलावा दिसंबर अंत तक शत-प्रतिशत टीकाकरण का लक्ष्य भी दूर होता जा रहा है।सोशल डेवलपमेंट फार कम्युनिटी फाउंडेशन ने प्रदेश में कोविड-19 के 92वें सप्ताह (12 से 18 दिसंबर) की रिपोर्ट जारी की है। संस्था के अध्यक्ष अनूप नौटियाल के अनुसार उत्तराखंड में कोरोनाकाल के 92 सप्ताह हो चुके हैं।

इस सप्ताह में प्रदेश में कोरोना के 136 मामले आए, यानी हर दिन तकरीबन 20 मामले। इससे पहले 91वें सप्ताह (5 से 11 दिसंबर) में 97 मामले आए थे, यानी हर दिन 13 मामले। नौटियाल ने ओमिक्रोन के खतरे के बीच भी जांच में अपेक्षित तेजी नहीं दिखने पर चिंता जाहिर की है। उनका कहना है कि पिछले सप्ताह 1.75 लाख जांच का लक्ष्य था, मगर एक लाख नौ हजार 507 व्यक्तियों की जांच ही हुई।

नौटियाल के अनुसार राज्य सरकार का दिसंबर अंत तक शत-प्रतिशत टीकाकरण का लक्ष्य भी मुश्किल होता नजर आ रहा है। उन्होंने बताया कि अभी 77.05 लाख व्यक्तियों को प्रथम और 58.99 लाख व्यक्तियों को दोनों खुराक लगी हैं। तकरीबन 18 लाख व्यक्तियों को वैक्सीन की दूसरी खुराक लगनी है, जबकि दिन बहुत कम बचे हैं।

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