उत्तराखंड में जब दरोगा ने विधायक से किया तू-तड़ाक, अग्निवीर के अंतिम संस्कार में हुआ कुछ ऐसा, वायरल वीडियो……….

देहरादून: लोहाघाट में एक अग्निवीर जवान के अंतिम संस्कार के दौरान विधायक और एसओ के बीच तनावपूर्ण विवाद हुआ। यह विवाद एक वायरल वीडियो में देखा जा सकता है, जिसमें दोनों पक्षों ने अशोभनीय भाषा का इस्तेमाल किया।

अग्निवीर जवान के अंत्येष्टि से पहले विधायक और दरोगा के बीच हुए टकराव की घटना से हर कोई स्तब्ध है। यह घटना लोहाघाट में ऐसी जगह पर हुई, जहां हर कोई जवान की मौत से गमगीन था। ऐसे दुखभरे माहौल में सिर्फ नमस्ते नहीं कहने पर शुरू हुए विवाद में न तो विधायक और न ही पुलिस विभाग के दरोगा ने शब्दों की गरिमा का ख्याल रखा। अब इस विवाद का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है।

दरअसल, 24 नवंबर को पाटी ब्लाॅक के खरही गांव के 18 कुमाऊं के अग्निवीर जवान दीपक सिंह (20) की सैन्य सम्मान के साथ कुशीला ताल घाट में अंतिम संस्कार की तैयारी चल रही थी। वहां पर प्रभारी एसओ और विधायक के बीच बहस होनी लगी और किसी ने वीडियो बनाकर वायरल कर दिया। वीडियो में एसओ कह रहे हैं कि तेरा कार्य अभी हो जाएगा, यह कार्य बाद में होगा। तू क्या सोच रहा है। अरे! तूझे तमीज तो होनी चाहिए। तू किससे बात कर रहा है। तेरे से ज्यादा गुस्सा आता है हमें, तू ऐसा वैसा मत समझ। वीडियो के बीच में वहां पर एक व्यक्ति बोला कि दरोगा भी अंगुली उठाकर ऐसे कर रहा है।

विधायक बोले कि ऐसे अंगुली खड़ी कर बात कर रहा है। एसओ ने जवाब दिया कि तुम्हारा खा रखा है क्या। विधायक ने कहा कि हां खा रखा है तूने। तू बोल कैसे रहा है। विवाद तूल पकड़ता देख सेना के अधिकारी, पुलिस कर्मी और जनप्रतिनिधियों ने हस्तक्षेप कर विधायक और एसओ को समझाकर शांत किया। अंत्येष्टि स्थल पर विधायक और एसओ के बीच 1.05 मिनट की बहस का वीडियो की लोगों में चर्चा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि जवान की अंत्येष्टि पर ऐसी बहस नहीं होनी चाहिए। इस पर बाद में भी बात की जा सकती थी।

मैं विधायक जी को चेहरे से नहीं जानता था लेकिन उनका नंबर मोबाइल में फीड था। अंत्येष्टि स्थल पर विधायक जी कहने लगे कि मुझे नमस्ते नहीं की। मैंने कहा कि शमशान घाट में गमगीन माहौल में ऐसा संभव नहीं है। हर व्यक्ति शोकाकुल है। आप कहां आए हैं। आपको नमस्ते की पड़ी है। इसी बात पर विधायक से बहस हो गई थी। -बिपुल जोशी, प्रभारी एसओ, थाना पाटी

अंत्येष्टि स्थल पर मैं ऊपर को आ रहा था, वह नीचे को जा रहे थे। मुझ लगा कोई होंगे पिथौरागढ़ से। जहां पर गाड़ियां रूकती हैं तो मैं वहां पर खड़ा था। वहां से वह आए और ऐसे ही मैंने कहा कि आप कहां से हैं। किसी ने उन्हें मेरा परिचय दिया। एसआई का रवैया अजीब था। वह अंगुली हिलाकर कहने लग गया कि कैसे कह दिया, कैसी जगह आए हो। मित्र पुलिस को जनप्रतिनिधियों के साथ सम्मान के साथ बात करनी चाहिए। -खुशाल सिंह अधिकारी, विधायक, लोहाघाट

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