उत्तराखंड की इस आईएएस दम्पति को लेना पड़ा VRS, जानिए कारण……

देहरादून: आईएएस मनीषा पंवार ने लिया वीआरएस, पहले निवेशक सम्मेलन की थीं सूत्रधारइससे पहले उनके पति पूर्व आईएएस अधिकारी उमाकांत पंवार भी वीआरएस ले चुके हैं। उत्तराखंड कैडर की 1990 बैच की वरिष्ठ आईएएस मनीषा पंवार ने 28 नवंबर को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति मांगी थी।

वर्ष 2018 में उत्तराखंड सरकार के पहले निवेशक सम्मेलन की सूत्रधार रहीं वरिष्ठ आईएएस अधिकारी मनीषा पंवार ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली है। 1990 बैच की आईएएस अधिकारी मनीषा अपर मुख्य सचिव पद पर थीं। वह लंबे समय से बीमार चल रही थीं।इससे पहले उनके पति पूर्व आईएएस अधिकारी उमाकांत पंवार भी वीआरएस ले चुके हैं।

उत्तराखंड कैडर की 1990 बैच की वरिष्ठ आईएएस मनीषा पंवार ने 28 नवंबर को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति मांगी थी। कार्मिक एवं सतर्कता अनुभाग ने अखिल भारतीय सेवाएं (डेथ कम रिटायरमेंट रूल्स) 1958 के नियम 16(2) के तहत तीन माह की नोटिस अवधि से उन्हें राहत दे दी है।सचिव कार्मिक शैलेश बगोली के मुताबिक, उन्हें 30 नवंबर की दोपहर से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति दी गई है।

बताया जा रहा कि वे लंबे समय से अस्वस्थ चल रही थीं। इस वजह से वे लंबी छुट्टी पर भी रही। आखिरकार उन्होंने वीआरएस ले लिया। इससे पहले त्रिवेंद्र सरकार में अक्तूबर 2018 में निवेशक सम्मेलन में तत्कालीन प्रमुख सचिव उद्योग के तौर पर आईएएस मनीषा पंवार ने अहम भूमिका निभाई थी।

उन्होंने पूरे जी-जान से निवेशकों को उत्तराखंड तक लाने की कवायद की थी, लेकिन इस निवेशक सम्मेलन से ठीक एक दिन पूर्व उन्होंने वीआरएस ले लिया। बता दें कि इससे पहले उनके पति 1991 बैच के आईएएस उमाकांत पंवार ने भी वीआरएस ले लिया था। जब उनके पति ने वीआरएस लिया तो उनकी सेवा के नौ वर्ष बचे हुए थे।

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