उत्तराखंड सरकार जल्द परिवहन सेक्टर को एक और बड़ा तोहफा दे सकता है….
देहरादून : उत्तराखंड सरकार परिवहन सेक्टर को एक और बड़ा तोहफा मिल सकता है। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने राज्य में वाहन सरेंडर पालिसी और हिल इंडोसमेंट नीति को बदलने का आश्वासन दिया है। सीएम आवास में निजी क्षेत्र के परिवहन कर्मियों के लिए आर्थिक सहायता योजना लांच करते हुए सीएम ने यह आश्वासन दिया था ।
वर्तमान में सरेंडर पालिसी के तहत वाहन मालिक अपने वाहन को एक साल में तीन तीन महीने की अवधि के लिए केवल दो बार ही सरेंडर करा सकता है। जबकि पर्वतीय रूट पर वाहन चलाने पर लाइसेंस पर हिल इंडोसमेंस कराना अनिवार्य है। सीएम ने कहा कि परिवहन सेक्टर को लेकर सरकार गंभीर है। परिवहन कारोबारियों ने इन दोनों विषयों को सामने रखा था। परिवहन कारेाबारी सरेंडर नीति में वाहन मालिका को उसकी इच्छानुसार अधिक से अधिक समय तक वाहन को सरेंडर कराने की छूट मांग रहे हैं।
सरेंडर की अवधि में वाहन से टैक्स नहीं लिया जाते। सीएम ने कहा कि सरकार इन दोनों की नियमावलियों को बदलने पर विचार करेगी। प्रदेश में यातायात सुविधाओं को बढ़ाने के लिए सरकार प्रयास कर रही है। हेली सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए सरकार ने एवियेशन टरबाइल फ्यूल (एटीएफ) से वैट को 20 प्रतिशत से घटाकर महज दो प्रतिशत कर दिया है। सीएम ने कहा कि कर्मचारियों की समस्याओं को लेकर भी सरकार गंभीर है।
वेतन विसंगतियों को दूर करने के लिए पूर्व मुख्य सचिव की अध्यक्षता में कमेटी बनाई गई है। कमेटी की रिपेार्ट के आधार पर वेतन विसंगतियों को हल किया जाएगा। परिवहन मंत्री यशपाल आर्य ने कहा कि सरकार प्रत्येक व्यक्ति और प्रत्येक वर्ग के साथ है। अपने उपलब्ध संसाधनों के अनुसार हर वर्ग को ज्यादा से ज्यादा सहायता देने का प्रयास लगातार किया जाता रहेगा। इस मौके पर परिवहन सचिव डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा, आयुक्त दीपेंद्र कुमार चौधरी, उपायुक्त एसके सिंह आदि मौजूद रहे।
31 हजार ड्राइवर-कंडक्टर-क्लीनर को मिली आर्थिक सहायता
परिवहन सेक्टर को राहत देने के लिए सीएम पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में रजिस्टर्ड सार्वजनिक सेवायानों के एक लाख से ज्यादा ड्राइवर, कंडक्टर और क्लीनर को छह महीने तक दो दो हजार रुपये की सहायता देने की घोषणा की है। पांच सितंबर तक विभागीय पेाटल पर 41 हजार 303 लोगों ने आवेदन कर दिया था। इसमें 31 हजार के आवेदन सही पाए गए। आज सीएम ने इन सभी के लिए आर्थिक सहायता जारी करने की प्रक्रिया विधिवत रूप से पूरा किया।