उत्तराखंड में टिहरी बांध से एक महीने नहीं होगा बिजली का उत्पादन, क्यों थम गई टिहरी और कोटेश्वर बांध की टरबाइन……

देहरादून: टिहरी बांध परियोजना के तीसरे चरण का काम पूरा करने के लिए बांध से एक महीने तक बिजली का उत्पादन नहीं होगा। पहली जून रात 12 बजे से 30 जून तक टिहरी और कोटेश्वर बांध की ओर भागीरथी नदी का प्रवाह नहीं होगा। दोनों बांधों की टरबाइन बंद रहेगी।

टीएचडीसी ने टिहरी और कोटेश्वर बांध में एक महीने का क्लोजर की अनुमति मांगी थी।टिहरी बांध परियोजना के तीसरे चरण का काम पूरा करने के लिए बांध से एक महीने तक बिजली का उत्पादन नहीं होगा।ऐसा इसलिए क्योंकि टिहरी हाइड्रो डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड (टीएचडीसी) को एक हजार मेगावाट बिजली उत्पादन के लिए टिहरी बांध में बन रहे पंप स्टोरेज प्लांट (पीएसपी) के अंतिम चरण के सिविल कार्य के लिए केंद्र से टिहरी और कोटेश्वर बांध में क्लोजर की अनुमति मिल गई है।

पहली जून रात 12 बजे से 30 जून तक टिहरी और कोटेश्वर बांध की ओर भागीरथी नदी का प्रवाह नहीं होगा। दोनों बांधों की टरबाइन बंद रहेगी।एक महीने का क्लोजर की अनुमति मांगी

टिहरी बांध से 2400 मेगावाट बिजली उत्पादन की क्षमता है। इस समय इसकी पहली यूनिट टिहरी बांध से एक हजार मेगावाट और दूसरी यूनिट कोटेश्वर बांध से चार मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है। शेष एक हजार मेगावाट बिजली के उत्पादन के लिए पंप स्टोरेज प्लांट (पीएसपी) का काम चल रहा है।

इसका सिविल काम अंतिम चरण में है।टीएचडीसी ने केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय से टिहरी और कोटेश्वर बांध में एक महीने का क्लोजर की अनुमति मांगी थी। टिहरी बांध से नई टिहरी पंपिंग योजना, घंटाकर्ण पेयजल योजना, कोश्यार ताल पंपिंग योजना में पानी की सप्लाई होती है। झील से भागीरथी नदी में पानी न छोड़े जाने की स्थिति में इन पंपिंग योजनाओं में भी पेयजल की आपूर्ति प्रभावित हो सकती है। गर्मियों के सीजन में बिजली उत्पादन न होने के कारण बिजली आपूर्ति पर भी असर पड़ सकता है।

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