उत्तराखंड में परिवहन विभाग का जून का लक्ष्य था, सितंबर तक शुरू नहीं हो पाईं वाहनों की ग्रीन सेस वसूली…….

देहरादून: प्रदेश की सीमा में आने वाले बाहरी वाहनों से वसूली की प्रक्रिया लटकी हुई है। एएनपीआर कैमरों की मदद से ग्रीन सेस की कटौती होनी है।

बाहरी राज्यों से आने वाले वाहनों से ग्रीन सेस वसूली शुरू करने का लक्ष्य तो जून माह का था लेकिन सितंबर तक भी इसकी शुरुआत नहीं हो पाई। परिवहन विभाग अभी भी इस महीने के आखिर तक वसूली शुरू करने का दावा कर रहा है।

प्रदेश की सभी सीमाओं से चेकपोस्ट बंद होने के बाद ग्रीन सेस वसूली के लिए अत्याधुनिक ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन (एएनपीआर) का प्रस्ताव लाया गया था। इसके तहत निविदा के माध्यम से एक निजी कंपनी को ठेका भी दे दिया गया था। जून माह में कैबिनेट ने ग्रीन सेस की दरों में बढ़ोतरी कर दी थी। लक्ष्य भी 30 जून तक वसूली शुरू करने का था लेकिन सितंबर का भी एक पखवाड़ा बीतने को है पर ग्रीन सेस वसूली शुरू नहीं हो पाई।

इस माह के अंत तक शुरुआत की संभावना
वसूली के लिए तय हुआ था कि ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन (एएनपीआर) कैमरे की मदद से ग्रीन सेस की कटौती वाहन के फास्टैग खाते से की जाएगी। इसके लिए सिस्टम इंटीग्रेटर का चयन हो गया था। सिस्टम इंटीग्रेटर, नेशनल पेमेंट कारपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) और वाहन सॉफ्टवेयर के इंटीग्रेशन की कार्रवाई चल रही थी लेकिन कामयाबी अभी तक नहीं मिल पाई।

परिवहन मुख्यालय के अधिकारियों के मुताबिक, इस माह के अंत तक इसकी शुरुआत की संभावना है। बाहरी राज्यों से आने वाले इलेक्ट्रिक वाहन और दोपहिया वाहनों पर ग्रीन सेस नहीं लागू नहीं होगा। इसके अलावा उत्तराखंड में पंजीकृत वाहनों से भी नई व्यवस्था में ग्रीन सेस वसूली नहीं की जाएगी।
इतना वसूला होना है ग्रीन सेस

वाहन श्रेणी ग्रीन सेस (रुपये में)
भारी वाहन 3 एक्सल 450
भारी वाहन 4 से 6 एक्सल 600
मध्यम और भारी माल वाहन 7.5 से 18.5 टन 250
हल्के माल वाहन 3 से अधिक और 7.5 टन से कम 120
डिलीवरी वैन 3 टन तक 80
भारी निर्माण उपकरण वाहन 250
बस 12 सीट से अधिक 140
मोटर कैब मैक्सी कैब और पैसेंजर कार 80
(नोट-राज्य में प्रवेश पर हर बार फास्टैग खाते से कटेगी रकम)

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *