उत्तराखंड में नगर निगम के बड़े बकायेदारों में शामिल राज्य सचिवालय प्रशासन ने नगर निगम में 91 लाख रुपये भवन कर जमा करा दिया है…..

देहरादून : नगर निगम के बड़े बकायेदारों में शामिल राज्य सचिवालय प्रशासन ने नगर निगम में कुल 91 लाख रुपये भवन कर जमा करा दिया है। यह राशि मार्च-2016 से मार्च-2022 तक की है। सरकार पर विधानसभा भवन व ट्रांजिट हास्टल का सवा करोड़ रुपये का भवन कर बकाया है। पुलिस मुख्यालय पर दो करोड़ रुपये जबकि सिडकुल पर पौने दो करोड़ रुपये का भवन कर बकाया है। नगर निगम की ओर से इन सभी सरकारी भवनों को भवन कर जमा कराने के नोटिस दोबारा भेजे जा रहे हैं।

वहीं, ओएनजीसी ने अपना एक करोड़ रुपये भवन कर जमा करा दिया है। निगम को सितंबर में भवन कर की मद में पांच करोड़ रुपये की आय हुईनगर निगम में भवन कर के बकायेदारों में आमजन या राजनीतिक दल ही नहीं बल्कि केंद्र एवं राज्य सरकार के बड़े प्रतिष्ठान तक शामिल हैं। राज्य सरकार पर विधानसभा व सचिवालय समेत ट्रांजिट हॉस्टल के करीब सवा दो करोड़ रुपये बकाया थे, जिसमें से सचिवालय के 91 लाख रुपये जमा हो गए हैं।

एफआरआइ पर एक करोड़ रुपये भवन कर बकाया है। ऐसे में नगर निगम ने भवन कर के बड़े बकायेदारों से वसूली को लेकर प्रक्रिया तेज कर दी है। बड़े बकायेदारों की सूची में हर वर्ग शामिल है। निगम के सख्त रवैये को देखते हुए आमजन को भवन कर चुका रहा।

लेकिन बड़े सरकारी प्रतिष्ठान या संस्थान कन्नी काट रहे हैं।नगर निगम ने व्यावसायिक भवन कर की प्रक्रिया वर्ष 2016-17 से लागू की थी पर कईं ऐसे बड़े सरकारी प्रतिष्ठान हैं, जिन्होंने अब तक एक बार भी भवन कर जमा नहीं कराया है। उनकी रकम हर साल बढ़ती जा रही है।

एमकेपी महाविद्यालय भी निगम के बकायेदार में शामिल है मगर कानूनी विवाद के चलते इसका भवन कर वसूला नहीं जा रहा है। स्थिति यह है कि निगम की ओर से सचिवालय, विधानसभा और आफिसर्स ट्रांजिट हॉस्टल के लिए राज्य संपत्ति विभाग जबकि पुलिस के तमाम दफ्तरों और थानों के भवनों के लिए पुलिस मुख्यालय को भी नोटिस भेजे गए थे, लेकिन सचिवालय को छोड़कर बाकी से कोई जवाब नहीं मिला।

बकायेदारों की सूची में राज्य का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल यानी दून अस्पताल भी शामिल है। नगर निगम की ओर से दून अस्पताल को भेजे गए नोटिस में 90 लाख रुपये भवन कर बकाया बताया गया। वहीं, यूपीसीएल पर सवा करोड़ जबकि कलेक्ट्रेट पर छह लाख रुपये बकाया हैं।

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