उत्तराखंड में उपभोक्ताओं की सबसे ज्यादा शिकायतें मीटर और बिजली बिल की, आयोग की ताजा रिपोर्ट से हुआ खुलासा………
देहरादून: विद्युत नियामक आयोग की ताजा रिपोर्ट से कुछ खुलासे हुए हैं। नौ उपभोक्ता शिकायत निवारण मंचों को एक साल में 1715 शिकायतें मिलीं।
उत्तराखंड के बिजली उपभोक्ता सबसे ज्यादा मीटर और बिजली बिलों से परेशान हैं। उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग की ताजा वार्षिक रिपोर्ट से इसका खुलासा हुआ है, जो भराड़ीसैंण विधानसभा सत्र के दौरान सदन में प्रस्तुत की गई है।
नियामक आयोग के गढ़वाल और कुमाऊं मंडल में कुल नौ उपभोक्ता शिकायत निवारण मंच हैं। इन सभी के पास सालभर में 1715 शिकायतें आईं, जिनमें सबसे अधिक 1299 शिकायतें बिजली बिल और मीटर संबंधी थीं। सभी मंचों ने इनमें से अधिकतम का निपटारा भी कराया है। दूसरी ओर, आयोग से गठित विद्युत लोकपाल के पास भी 55 शिकायतें आईं, जिनमें से 41 बिजली मीटर व बिल की थीं। नौ शिकायतें नए बिजली कनेक्शन संबंधी थीं।
किस मंच में किसकी कितनी शिकायतें-
मंच कुल शिकायतें मीटर व बिजली बिल नए कनेक्शन संबंधी
देहरादून 230 146 12
हल्द्वानी 336 236 05
रुद्रपुर 346 288 26
हरिद्वार 194 152 23
श्रीनगर 44 44 00
उत्तरकाशी 277 218 15
कर्णप्रयाग 91 75 00
अल्मोड़ा 102 93 01
पिथौरागढ़ 95 47 09
यूपीसीएल 5.50 प्रतिशत बिल दे रहा बिना रीडिंग।
आयोग ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि पिछले साल मार्च महीने में यूपीसीएल के बिलिंग व मीटर चेकिंग संबंधित कार्यों की समीक्षा की गई। इसमें पता चला कि यूपीसीएल ने मार्च 24 में 94.52 प्रतिशत उपभोक्ताओं को ही बिल रीडिंग के आधार पर जारी किए हैं। बाकी उपभोक्ताओं के बिल अनुमानित खपत के आधार पर ही जारी किए जा रहे थे। आयोग ने यूपीसीएल को निर्देश दिए कि एडीएफ, आईडीएफ, आरडीएफ, एनएएआर, एनबी आदि कारणों से अनुमानित खपत आधारित बिलों में कमी लाए, जिससे उसके राजस्व में वृद्धि हो।
स्मार्ट मीटर से होगी समस्याएं दूर।
यूपीसीएल प्रबंधन के मुताबिक, प्रदेश के 16 लाख से अधिक उपभोक्ताओं के घरों पर स्मार्ट मीटर लगाने का काम चल रहा है। इन मीटरों के लगने के बाद उपभोक्ताओं की बिजली बिल संबंधी शिकायतें दूर हो जाएंगी। वे अपनी खपत को मोबाइल ऐप के माध्यम से देख सकेंगे। इससे बिलों की रीडिंग संबंधी सभी शिकायतें दूर हो जाएंगी।