उत्तराखंड में इन कर्मचारियों क़ो झटका, कर्मचारियों को 18 साल की सेवा के बाद हटाया……
रुद्रप्रयाग: शासनादेश में हुआ बदलाव, डीडीएमए में चार कर्मचारियों को 18 साल की सेवा के बाद हटायाएक तरफ आपदा प्रबंधन विभाग में अनुभवी लोगों की कमी हमेशा महसूस की जाती है, वहीं दूसरी तरफ ऐसे कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है।
जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र (डीडीएमए) रुद्रप्रयाग में बीते 18 वर्षों से अनुबंध पर तैनात चार कर्मियों को सिर्फ इसलिए हटा दिया गया, क्योंकि अब वह संशोधित शासनादेश के हिसाब से फिट नहीं बैठते हैं, जबकि विभाग में अधिकतर कर्मचारी अनुबंध या आउटसोर्स पर कार्य कर रहे हैं।
ऐसे में इन कर्मचारियों ने अब सचिव आपदा प्रबंधन को पत्र लिखकर उन्हें सेवा विस्तार दिए जाने की मांग की है।एक तरफ आपदा प्रबंधन विभाग में अनुभवी लोगों की कमी हमेशा महसूस की जाती है, वहीं दूसरी तरफ ऐसे कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखाया जा रहा है।
डीडीएमए रुद्रप्रयाग में वर्ष 2005 से तैनात ड्यूटी प्रभारी संतोष प्रकाश नौडियाल, डाटा एंट्री ऑपरेटर सुरेंद्र सिंह, अनिल कुमार और अरविंद पंवार का अनुबंध शासनादेश का हवाला देते हुए समाप्त कर दिया गया।वर्ष 2021 में जारी शासनादेश के अनुसार, पूर्व में सृजित संविदा के ऐसे पद, जिनके सापेक्ष वर्तमान में कोई संविदा कर्मी कार्यरत है, वह तब तक कार्य करता रहेगा, जब तक की उसकी अनुबंध अवधि समाप्त नहीं हो जाती, जबकि इस शासनादेश के लागू होने के बाद भी संबंधित कार्मिकों की वर्ष 2022 में अनुबंध की अवधि एक साल बढ़ाई गई थी।
वहीं, शासनादेश के बावजूद अलग-अलग जिलों में तमाम कर्मचारी अब भी अनुबंध पर काम कर रहे हैं। संबंधित कार्मिकों ने इस मामले में सचिव आपदा प्रबंधन को पत्र लिखकर अनुबंध को बढ़ाने की गुहार लगाई है। उनका कहना है उन्होंने विभाग में 18 साल सेवाएं दी हैं, ऐसे में उन्हें सेवा विस्तार दिया जाना चाहिए।