उत्तराखंड मे कैलाश मानसरोवर यात्रियों का दूसरा जत्था पहुंचा टनकपुर, फूल मालाओं से हुआ भव्य स्वागत,पूर्व केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी भी मानसरोवर यात्रियों में रही शामिल…….

हल्द्वानी: कैलाश मानसरोवर यात्रियों का दूसरा जत्था मंगलवार की शाम को टनकपुर टीआरसी पंहुचा। जहाँ कुमाऊं मंडल विकास निगम अधिकारीयों और माँ पूर्णागिरि पर्यावरण संरक्षण समिति टीम द्वारा उनका फूल माला पहनाकर भव्य स्वागत अभिनंदन किया गया, जिसके बाद यात्रियों ने पर्यावरण संरक्षण समिति के साथ टीआरसी परिसर में एक पोंधा मां के नाम अभियान के तहत रोपित किया।साथ ही उन्होंने देवभूमि को प्लास्टिक मुक्त राज्य एवं स्वच्छ राज्य बनाने के लिए हर वर्ग को आगे आने का सन्देश दिया।

इस दौरान कुमाऊँ विकास मंडल निगम की और से सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया, जिसमे कैलाश मानसरोवर यात्रियों के समक्ष बच्चों द्वारा कुमाउनी लोक गीतों एवं देश भक्ति गीतों पर सुन्दर प्रस्तुति दी गई.। जिस पर कैलाश मानसरोवर यात्रियों ने तालियों के साथ बच्चों का जहां उत्साह वर्धन किया वही कुमाऊनी संस्कृति के पारंपरिक लोक गीतों में सभी कैलाश मानसरोवर रात्रि जमकर झूमे।इस अवसर पर हर हर महादेव के जयकारों के साथ टी आर सी परिसर गूंज उठा।

मानसरोवर यात्रियों ने बेहतरीन यात्रा सुविधाओ के लिए केंद्र व उत्तराखंड सरकार का आभार व्यक्त किया।टनकपुर पहुंचें कैलाश मानसरोवर यात्रियों के दूसरे दल में देश के विभिन्न राज्यों से कुल 48 यात्रियों ने प्रतिभाग किया जिसमे 34 पुरुष 14 महिला यात्री ऐतिहासिक कैलाश मानसरोवर यात्रा के साक्षी बनेंगे, जिसमे बेस्ट बंगाल, राजस्थान, कर्नाटका, झारखण्ड, आन्द्र प्रदेश, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, तमिलनाडु, तेलंगाना, पंजाब, असम, सहित गुजरात सहित विभिन्न राज्यों के यात्री शामिल रहे।

मानसरोवर यात्रियों के दूसरे जत्थे में पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी भी शामिल रही। कुमाऊं मंडल विकास निगम अधिकारीयों द्वारा यात्रियों के ठहराव, भोजन,स्वास्थ्य परीक्षण और यात्रा मार्गदर्शन के समुचित व्यवस्था की गई, कैलाश मानसरोवर यात्रा का दूसरा दल टनकपुर में रात्रि विश्राम के बाद बुधवार की सुबह अपनी अगली यात्रा जनपद चम्पावत, लोहाघाट, से होते हुए गुंजी, नाभिडांग, लिपुलेख होते हुए कैलाश मानसरोवर पहुंचेंगा, इस दौरान राज्य सरकार की ओर से स्वास्थ्य सहायता,ठहराव, वाहन सुविधा, जैसी अन्य व्यवस्थाएं सुनिश्चित की गई है।

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