रूस-यूक्रेन युद्ध: बंकर में शरण लिए हुए बेटी को देख थमे नहीं मां के आंसू, वीडियो कॉल पर कहा- पीएम मोदी पर भरोसा…..
देहरादून : एमबीबीएस की छात्रा व फलई गांव निवासी अवंतिका ने शनिवार को अपनी मां रचना भट्ट से वीडियो कॉल के जरिए बातचीत की।यूक्रेन में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही फलई गांव की अवंतिका सहित 300 से अधिक छात्र-छात्राएं एक बंकर में शरण लिए हुए हैं। उनके पास खाने-पीने का सामान भी सीमित रह गया है। अवंतिका ने वीडियो कॉल के जरिए अपने माता-पिता से बातचीत कर वहां के हालात बताएं हैं, जिससे परिजन भी भावुक हो रहे हैं।परिजनों का कहना है कि उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भरोसा है, लेकिन अब उनके बच्चों का धैय जवाब दे रहा है, जिससे वह चिंतित हो रहे हैं।
रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद से वहां पढ़ रहे बच्चों के लेकर माता-पिता परेशान हैं। रुद्रप्रयाग जिले से चार छात्र-छात्राएं यूक्रेन में एमबीबीएस के प्रथम, तृतीय व चतुर्थ वर्ष में पढ़ रहे हैं।अवंतिका ने बताया- बस अब कुछ चिप्स, बिस्कुट और बोतलबंद पानी ही रह गया।
चतुर्थ वर्ष की छात्रा व फलई गांव निवासी अवंतिका ने शनिवार सुबह 9 और दोपहर बाद 4 बजे अपनी माता रचना भट्ट से वीडियो कॉल के जरिए बातचीत की। इस दौरान अवंतिका ने एक वीडियो भी अपनी मां को भेजा, जिससे पता चल रहा है कि ये बच्चे बंकर में कैसे रह रहे हैं। रचना भट्ट ने अपनी बेटी अवंतिका और उसकी सहेलियों के हवाले से बताया कि अभी तक बंकर में रह रहे छात्र-छात्राओं से किसी ने भी संपर्क नहीं किया है।
उनके पास अब भोजन सामग्री भी सीमित रह गई है। बस अब कुछ चिप्स, बिस्कुट और बोतलबंद पानी ही रह गया है। छात्राओं ने बताया कि वहां के हालात ठीक नहीं हैं और वह ज्यादा दिनों तक ऐसे नहीं रह पाएंगे। उन्होंने बताया कि सभी छात्र-छात्राएं स्वयं ही बॉर्डर पार करने की सोच रहे थे। लेकिन फिर दोपहर को कुछ लोगों को सुरक्षा बलों ने बीच में ही रोक दिया था, जिसके बाद उन्होंने अपना विचार बदल दिया है।
उधर, नागजगई के उत्कर्ष शुक्ला, ऊखीमठ की लिपाक्षी कुंवर और अगस्त्यमुनि के अंकित चंद्र के माता-पिता ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपने बच्चों को सकुशल वापस लाने की गुहार लगाई है। लिपाक्षी की माता सुधा कुंवर ने दोपहर को अपनी बेटी से वीडियो कॉलिंग पर बात की। उन्होंने बताया कि सभी बच्चे भयभीत हो रखे हैं। क्योंकि वहां हालात दिनोंदिन खराब हो रहे हैं।