हरेला पर्व पर पौधारोपण कर दिलायी गयी शपथ ,उत्तराखण्ड का महापर्व है ‘हरेला ’ वृक्ष के अतिरिक्त हमारा कोई दूसरा साथी नहीं: श्रीमहन्त रविन्द्र पुरी…..

हरिद्वार: एस.एम.जे.एन. पी.जी. काॅलेज में हरेला के शुभ पावन अवसर पर काॅलेज के प्राचार्य डाॅ. सुनील कुमार बत्रा , डाॅ. संध्या शर्मा, डाॅ. विशाल गर्ग श्री मती नरेश रानी गर्ग, एवं डी सी नौटियाल द्वारा नीम, बिल्वपत्र, गुलमोहर, कनेर, जामुन आवंला आदि के पौधों कोे रोपित कर पौधारोपण कार्यक्रम चलाया गया। इस अवसर पर पर्यावरण संरक्षण हेतु सामूहिक प्रयासों में अपना योगदान देने का भी संकल्प लिया गया।

इस अवसर पर काॅलेज प्रबन्ध समिति के अध्यक्ष श्रीमहन्त रविन्द्र पुरी जी महाराज ने हरेला पर्व की बधाई देते हुए कहा कि वन हमारी राष्ट्रीय धरोहर हैं। वनों के विनाश से इको सिस्टम असन्तुलित हो गया है। वन क्षेत्रों के संरक्षण व विकास हेतु सरकार लगातार प्रयास कर रही है परन्तु वनों का संरक्षण न सिर्फ सरकार का वरन् प्रत्येक नागरिक का पुनीत कर्तव्य है।

उन्होंने कहा कि वृक्ष अनेक प्रकार के जीव-जन्तुओं का निवास स्थान, वातावरण में प्राण वायु आक्सीजन की मात्रा सन्तुलित करने, मानव जीवन को विभिन्न संसाधनों से परिपूर्ण करने तथा मिट्टी एवं स्थल का अपरदन रोकने जैसी गतिविधियों के लिए वृक्ष के अतिरिक्त हमारा कोई दूसरा साथी नहीं हो सकता। उन्होंने उपस्थित जनों से पर्यावरण संरक्षण में अपनी भूमिका का बढ़-चढ़कर निर्वहन करने का आह्वान किया।

विशिष्ट अतिथि डाॅ. संध्या शर्मा ने कहा कि हरेला पर्व हमें पर्यावरण से जोड़ता है। पर्यावरण का संरक्षण उत्तराखण्ड की संस्कृति है। पौधारोपण द्वारा ही जल संरक्षण एवं संवर्धन किया जा सकता है। उन्होंने उपस्थित छात्र-छात्राओं, शिक्षकों व कर्मचारियों से कम से कम एक पौधा रोपित करने का आह्वान किया।

प्रसिद्ध वरिष्ठ समाजसेवी डाॅ. विशाल गर्ग ने कहा कि कोविड-19 वैश्विक आपदा के चलते आक्सीजन की भारी किल्लत समाज के सम्मुख आयी थी इसलिए पेड़-पौधों का हमारे जीवन में अत्यन्त महत्व है। डाॅ. विशाल गर्ग व उनकी माताजी श्रीमती नरेश रानी गर्ग ने अपने जन्मदिवस के अवसर पर महाविद्यालय परिसर में पौधों का रोपण किया तथा उपस्थितजनों से अपील की कि हम सभी का कर्तव्य है कि प्रत्येक शुभ अवसर पर एक पौधा अवश्य रोपित करें।

काॅलेज के प्राचार्य डाॅ. सुनील कुमार बत्रा ने हरेला पर्व की शुभकामनायें देते हुए कहा कि हरेला सिर्फ एक त्यौहार न होकर उत्तराखण्ड की जीवनशैली का प्रतिबिम्ब है। यह प्रकृति के साथ सन्तुलन स्थापित करने वाला त्यौहार है। हरियाली देखकर व्यक्ति का तन-मन प्रफल्लित हो उठता है। हरेला पर्व से व्यक्तिवादी मूल्यों की जगह समाजवादी मूल्यों को वरीयता दी गयी है। डाॅ. बत्रा ने पर्यावरण संरक्षण को प्रथम प्राथमिकता बताया क्योंकि जीवन व पर्यावरण के सन्तुलन को बनाये रखने के लिए वृक्षों का अस्तित्व में रहना नितान्त आवश्यक है।

अधिष्ठाता छात्र कल्याण डाॅ. संजय कुमार माहेश्वरी व डाॅ. जगदीश चन्द्र आर्य, ने संयुक्त रूप से अतिथियो को धन्यवाद प्रेषित करते हुए कहा कि हमें विकास और पर्यावरण में संतुलन बनाकर चलना आवश्यक है। कार्यक्रम संयोजक डाॅ. विजय शर्मा ने बताया कि पर्यावरण प्रकोष्ठ द्वारा काॅलेज निरन्तर पर्यावरण संरक्षण में छात्र-छात्राओं को जोड़ रहा है। इससे पूर्व प्राचार्य डाॅ. सुनील कुमार बत्रा द्वारा रोपित पौधे के संरक्षण की शपथ भी दिलायी गयी।

इस अवसर पर डी.सी. नौटियाल, प्रदीप बसंल, डाॅ. आशा शर्मा, डाॅ. मोना शर्मा, श्रीमती रिंकल गोयल, रिचा मिनोचा, डाॅ. नेहा गुप्ता, डाॅ. पुनीता शर्मा, डाॅ. पदमावती तनेजा, डाॅ. विनीता चैहान, डाॅ. लता शर्मा, डाॅ. सरोज शर्मा, विनीत सक्सेना, डाॅ. रीना मिश्रा, डाॅ. मनोज कुमार सोही, योगेश रवि, दिव्यांश शर्मा, मोहन चन्द्र पाण्डेय, संजीत कुमार, होशियार सिंह चौहान सहित काॅलेज के छात्र-छात्रा मोनिका, महक, अंजली भट्ट, शबा रहमान, विशाल बंसल, अर्शिका सहित अनेक शिक्षक, कर्मचारी व छात्र-छात्रा उपस्थित थे।

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *