उत्तराखंड में यहाँ अब सावधान! देहरादून के रायवाला में सड़कों पर घूम रहे हाथी और गुलदार, जान-माल के लिए खतरा…….

देहरादून: देहरादून जनपद के रायवाला में हाथी और गुलदार की चहलकदमी से ग्रामीण दहशत में हैं। हरिपुरकलां से लेकर जोगीवालामाफी तक हाथियों की आवाजाही है, जिससे फसल और संपत्ति को नुकसान हो रहा है। छिद्दरवाला में हाथी मोहल्ले में घूमता दिखा। वहीं, गुलदार भी क्षेत्र में मंडरा रहे हैं, जिससे ग्रामीण भयभीत हैं। ग्राम प्रधान ने सुरक्षा के लिए पुख्ता प्रबंध करने की मांग की है।

राजाजी टाइगर रिजर्व और देहरादून वन प्रभाग से सटे आबादी क्षेत्र में हाथी और गुलदार की चहलकदमी से ग्रामीण दहशत में हैं। यहां हाथी और गुलदार सड़कों पर घूमते देखे जा सकते हैं, जिनसे जान माल के नुकसान की आशंका बनी हुई है, मगर वन विभाग जन सुरक्षा के प्रति संजीदा नजर नहीं आ रहा है।

रायवाला के हरिपुरकलां से लेकर खदरी, छिद्दरवाला, जोगीवालामाफी में हाथियों की आवाजाही बनी हुई है। यहां हाथी फसल और संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे हैं। बीती रात छिद्दरवाला के ग्राम प्रधान गोकुल रमोला के घर के पास आया एक हाथी काफी देर तक पूरे मोहल्ले में घूमता रहा।

गलियों में उसकी चहलकदमी की वीडियो आस-पास घरों में लगे सीसीटीवी में कैद हुई हैं। इस दौरान सतर्क ग्रामीण भी फोन पर हाथी की आवाजाही के बारे में एक दूसरे को जानकारी देते रहे, ताकि कोई गलती से अचानक हाथी के सामने न पहुंच जाए और अनहोनी से बचा जा सके।

वहीं, क्षेत्र में गुलदार भी मंडराते दिखाए दे रहे हैं। बीते तीन दिसंबर को यहां से गुलदार घर में घुसकर जर्मन शैफर्ड कुत्ते को उठा ले गया था। वहीं, चकजोगीवाला में गुलदार पकड़ने के लिए पिंजरा लगाए करीब एक महीना बीतने को है, मगर सफलता नहीं मिली। जबकि ग्रामीणों को रोजाना गुलदार दिखाई दे रहे हैं

प्रधान गोकुल रमोला ने बताया कि कोई रात ऐसी नहीं है, जब हाथी व गुलदार गांव में न आते हों। कई बार तो यह गांव की सीमा पर दिन में ही दिखाई दे जाते हैं, लिहाजा जन सुरक्षा के लिए पुख्ता प्रबंध करने होने चाहिए। उनका कहना है कि गांव और जंगल के बीच सोलर फेंसिंग और लाइटें लगानी जरूरी हैं।

हाथियों के झुंड खेतों में घुसकर गेहूं और गन्ना की फसल बर्बाद कर रहे हैं। ग्रामीणों ने बताया कि जंगल से लगे क्षेत्र में खेती करना दूभर हो गया है। हाथी रोजाना फसलों को बर्बाद कर रहे हैं। सूचना के बाद भी वन कुछ नहीं करता है। नुकसान का मुआवजा तक नहीं मिलता है।

वहीं, राजाजी टाइगर रिजर्व के निदेशक डा. कोको रोसे का कहना है कि जब भी ऐसी कोई सूचना मिलती है टीम को मौके पर भेजा जाता है।

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