उत्तराखंड में क्या मोदी का क्रेज हुआ कम, रैली देखकर तो ऐसा ही लगा, चौकाने वाला नजारा था, पीएम मोदी बोल रहे थे बड़ी संख्या में जनता परेड मैदान से जा रही थी….
देहरादून : तो क्या उत्तराखंड में पीएम मोदी का क्रेज धीरे धीरे समाप्त हो रहा है जी हां आज आयोजित हुई रैली को देखकर तो कुछ ऐसा ही लगा प्रधानमंत्री मोदी देश का बड़ा नाम है देश के प्रधानमंत्री हैं लेकिन जिस तरह से प्रधानमंत्री मोदी का भाषण शुरू होते ही परेड मैदान में बड़ी संख्या में आम जनता ने घर की तरफ रुख किया उससे साफ लगता है तिराहे बीजेपी के लिए 2022 के चुनाव में ठीक नहीं है।
2014 में जब प्रधानमंत्री पहली बार उत्तराखंड में चुनावी अभियान को धार देने आए थे तब माना जा रहा है कि लगभग मोदी मैजिक ने उत्तराखंड के तमाम मतदाताओं को चमत्कृत किया हुआ था हालात यह थे की परेड मैदान में कदम रखने तक की जगह नहीं थी माना जा रहा था मोदी कि उस रैली को लगभग 1 से सवा लाख लोगों द्वारा सुना गया माना गया हालांकि एक अनुमान के अनुसार लगभग 80 से 90 के लगभग लोग थे ही उस समय बिना निमंत्रण के लोग मोदी को सुनने आये थे।
वही 2017 की रैली में जमकर मोदी का मैजिक चला हालांकि 2017 में देहरादून में आयोजित हुई बीजेपी की रैली में 2014 जितनी भीड़ तो नहीं दिखाई दी थी लेकिन फिर भी 60 से 70 हजार के लगभग आम जनता उस रैली में पहुंची ऐसा माना गया।
लेकिन आज देहरादून में हुई रैली में भले ही बीजेपी ने एक लाख से ज्यादा लोगों की भीड़ जुटाने का दावा किया हो लेकिन निष्पक्ष नजरों से देखी जाए तो भीड़ आधी भी नहीं थी माना जा रहा है पीएम मोदी को सुनने को लोग उत्सुक तो थे और सुबह 9:00 बजे से लोगों का परेड मैदान पहुंचना शुरू हो गया था लेकिन जैसे-जैसे दिन चढ़ता गया लोगों का सब्र भी जवाब देता गया देहरादून के पत्रकारों के साथ हुई बातचीत मैं यह अनुमान लगा कि लगभग एक समय प्रधानमंत्री मोदी की रैली में लगभग 40 हजार से 45 के बीच भीड़ पहुचने का अनुमान था लेकिन हैरानी तो तब हुई जब प्रधानमंत्री ने भाषण देना शुरू हुआ और बड़ी संख्या में आम जनता ने परेड मैदान छोड़ दिया माना जा रहा है कि जिस समय प्रधानमंत्री ने अपना भाषण शुरू किया उस समय 18-20 हजार लोग परेड मैदान में थे और जब प्रधानमंत्री का भाषण खत्म हुआ तब वह और कम हो गए हालांकि कुछ लोगों का यह भी कहना था किस में बीजेपी के मिसमैनेजमेंट की वजह से भी भीड़ कम हुई कई जो दूर से आने वाले लोग थे उनको बसों मैं आने के लिए 2:30 बजे का समय दिया गया था।
जबकि मोदी की रैली और भाषण ही उसी दौरान में शुरू हुआ माना जा रहा है कि कई लोग तो अपनी बसों में चढ़ने के लिए रवाना हो गए कि कहीं वो छूट ना जाए लेकिन कहीं ऐसे भी थे जो वापिस खोलिए साफ है क्या बीजेपी संगठन प्रधानमंत्री की रैली में भीड़ नहीं जुटा पाया और जो जुटे भी उन्हें रोक नहीं पाया या फिर लोगों में प्रधानमंत्री को लेकर क्रेज में कमी आई है कुछ भी हो इससे बीजेपी को 2022 के चुनाव में परेशानी हो सकती है।
साफ है बीजेपी का रैली में 100000 पार का दावा कहीं भी पूरा होता दिखाई नहीं दिया ऐसे में साफ है 2022 के चुनाव में बीजेपी को केवल मोदी के सहारे ही नहीं खुद भी बहुत मेहनत करने की जरूरत है।
वही रैली से बाहर जा रहे लोगों से बातचीत हुई तो उन्होंने यह बात जरूर कहीं की मोदी उन्हें पसंद है इसलिए वह दूर-दूर से देहरादून की रैली में उन्हें सुनने पहुंचे थे लेकिन कुछ लोगों का यह भी कहना था कि जिस तरह से तीन मुख्यमंत्री बदले गए वह भी भविष्य में चुनावी मुद्दा बन सकता है कुल मिलाकर बीजेपी के लिए 2022 का चुनाव इतना भी आसान नहीं रहने जा रहा है जितना 2017 का था साफ है नेताओं को मोदी के चेहरे के अलावा भी लगाना होगा दम तभी प्रदेश में बीजेपी की सरकार आ पाएगी।