उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में अब काली नदी उफान पर, खतरे के निशान को किया पार……
पिथौरागढ़: उच्च हिमालयी क्षेत्र में भारी बारिश के चलते काली नदी का पानी चेतावनी स्तर से ऊपर बह रहा है। इसे देखते हुए प्रशासन ने नदी तट पर रहने वाले लोगों को सावधानी बरतने के निर्देश दिए हैं।
जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार धारचूला में काली नदी का पानी चेतावनी स्तर 889 को पार कर 889.10 मीटर पर पहुंच गया है। काली नदी का खतरे का निशान 890 मीटर है। जलस्तर बढ़ने से नदी पूरे उफान पर है। क्षेत्र में अतिवृष्टि होने पर जलस्तर के और अधिक बढ़ने की संभावना है।
केंद्र की ओर से सभी संबंधित विभागों से कहा गया है कि वे जनसमुदाय को सावधानी बरतने और नदी किनारे नहीं जाने के संबंध में जागरूक करें। जलस्तर बढ़ने से यदि किसी आबादी क्षेत्र, घरों को खतरे की आशंका लगे तो उन्हें सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट किया जाए।
जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र ने सिंचाई विभाग धारचूला को निर्देश दिया है कि बलुवाकोट, बगड़ीहाट, पीपली, तालेश्वर, झूलाघाट आदि नदी तटी के स्थानों पर टीम तैनात कर सूचना का समन्वयन करें। साथ ही सीमावर्ती सुरक्षा एजेंसी, थाना नेपाल के साथ भी सूचना साझा करें।
15 जुलाई तक बारिश का अलर्ट: गौरतलब है कि मौसम विभाग ने उत्तराखंड में 15 जुलाई तक बारिश को लेकर रेड अलर्ट जारी कर रखा है. मौसम विभाग के मुताबिक आज 14 जुलाई सुबह 8.30 बजे तक बीते 24 घंटे में 19.0 मिमी बारिश हुई है, जो सामान्य से 43 फीसदी ज्यादा है. इसके अलावा बीते 24 घंटे में सबसे ज्यादा 46.01 मिमी बारिश उधमसिंह नगर जिले में हुई है, जो सामान्य से 201 प्रतिशत ज्यादा है।
इसके अलावा इस सीजन की बात करें तो उत्तराखंड में अभीतक 451.2 मिमी बारिश हुई है, जो सामान्य से 28 प्रतिशत ज्यादा है. वहीं इस मॉनसून सीजन में अभीतक सबसे ज्यादा बारिश हरिद्वार जिले में 874.2 मिमी हुई है, जो नार्मल से 218 प्रतिशत अधिक है. वहीं, सबसे कम बारिश वाले जिले की बात की जाए तो वो अल्मोड़ा है. अल्मोड़ा में 314.8 मिमी बारिश हुई है, जो सामान्य से 18 प्रतिशत ज्यादा है।
इसके साथ ही नैनीताल, चंपावत और पिथौरागढ़ तीन ऐसे जिले हैं, जहां सामान्य से भी कम बारिश हुई है. नैनीताल में सामान्य से 24, चंपावत में 9 और पिथौरागढ़ में 27 फीसदी कम बारिश हुई है।