उत्तराखंड में विधानसभा सत्र में उठेगा आपदा और चुनाव का मुद्दा, विपक्ष दिखेगा हमलावर, सरकार भी पलटवार को तैयार……..

गैरसैंण: ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण (भराड़ीसैंण) में मंगलवार से शुरू होने जा रहे विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान प्रदेश सरकार की सदन के बाहर और भीतर कड़ी परीक्षा होगी। जन सरोकारों से जुड़े मुद्दों के बीच विपक्ष प्राकृतिक आपदा से हुए नुकसान और राहत कार्यों तथा हाल ही में संपन्न हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में कथित गड़बड़ी के मुद्दे पर सरकार को घेरने की रणनीति बना रहा है।

उत्तरकाशी के हर्षिल और धराली में आई भीषण प्राकृतिक आपदा में हुए नुकसान की भरपाई के लिए विपक्ष खासा हमलावर है। हालांकि राज्य और केंद्र सरकार के स्तर पर वहां राहत एवं बचाव अभियान चलाया गया, लेकिन विपक्ष आपदा प्रभावितों को राहत देने के मुद्दे पर लगातार आरोप लगा रहा है। उत्तरकाशी, पिथौरागढ़, पौड़ी गढ़वाल, चमोली, हरिद्वार समेत तमाम जिलों में भारी बारिश, भूस्खलन, बाढ़ व जलभराव से हुए नुकसान की भरपाई के लिए विपक्ष सरकार से तत्काल आपदा राहत पैकेज की मांग करेगा। इस मुद्दे पर विपक्ष की सदन के बाहर भी धरना और प्रदर्शन करने की योजना है।

आपदा के बाद विपक्ष त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के मुद्दे पर खासा मुखर है। वह सरकार पर पंचायत चुनाव में धांधली का आरोप लगा रहा है और राज्य निर्वाचन आयुक्त को तत्काल हटाए जाने की मांग को लेकर राजभवन तक में दस्तक दे चुका है। सत्र के दौरान विपक्ष इस मुद्दे पर सरकार की घेराबंदी करने का प्रयास करेगा। नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में कथित धांधली के मुद्दे पर नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस विधायक पर खासे मुखर हैं

इस मामले में नेता प्रतिपक्ष व कतिपय कांग्रेस नेताओं के खिलाफ मुकदमा तक दर्ज हो चुका है। इसके खिलाफ विपक्षी सदस्यों में खासा गुस्सा है और वे इस मुद्दे को सदन के भीतर और बाहर जोरदार ढंग से उठाने की भरसक कोशिश करेंगे। इसके अलावा विपक्ष बेरोजगारी, कानून व्यवस्था, भ्रष्टाचार, सड़क, पानी, बिजली और अन्य बुनियादी मुद्दों पर भी सरकार से सवाल पूछेगा। विपक्ष का सरकार पर ग्रीष्मकालीन राजधानी की उपेक्षा का भी आरोप है। इस मुद्दे पर भी विपक्ष सवाल उठा सकता है।

सरकार भी पलटवार को तैयार
विधानसभा सत्र के दौरान विपक्ष के हमलावर रुख को भांपते हुए सत्तापक्ष ने पलटवार की तैयारी कर ली है। आपदा के मुद्दे पर सरकार ने राहत एवं बचाव कार्यों का ब्योरा तैयार कर लिया है, जिसे सदन में रखा जाएगा। सीएम धराली आपदा के बाद तत्काल उठाए गए कदमों की जानकारी सदन में रख सकते हैं। राज्य के विभिन्न इलाकों में आई आपदा में शासन और जिला प्रशासन की ओर से किए गए राहत एवं बचाव कार्यों की जानकारी मुख्यमंत्री रख सकते हैं। त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में कथित धांधली के मुद्दे पर भी सरकार विपक्ष पर पलटवार करेगी।

संसदीय कार्यमंत्री के तौर पर सुबोध की परीक्षा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल को संसदीय कार्यमंत्री का दायित्व सौंपा है। सत्र के दौरान सुबोध उनियाल के कौशल और धैर्य की भी परीक्षा होगी। उन्हें न सिर्फ विपक्षी हमलों के खिलाफ सरकार की ढाल बनना है बल्कि विपक्ष के सवालों और तर्कों की काट भी तलाशनी होगी। इसलिए सत्तापक्ष ही नहीं विपक्ष की निगाह भी उनियाल पर होगी।

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