उत्तराखंड के हरिद्वार भगदड़ में चश्मदीद ने सुनाई आपबीती, भीड़ का दबाव बढ़ा तो तार पकड़कर चढ़ने लगे; फिर लगा करंट…….

हरिद्वार: मनसा देवी मंदिर पैदल मार्ग पर रविवार की सुबह नौ बजे भगदड़ मच गई। हादसे में एक 10 साल के बालक सहित आठ श्रद्धालुओं की मौत हो गई और 28 लोग घायल हो गए। भीड़ के बीच कुछ दूरी पर फंसे एक चश्मदीद ने भी भीड़ का दबाव बढ़ने पर रास्ते में दीवारों पर लगी बिजली तारें पकड़ने पर करंट लगने का दावा किया है।

मार्ग पर बनी दीवार पर तारें पकड़कर श्रद्धालु आगे की तरफ बढ़ रहे थे और करंट लगने के बाद भगदड़ मच गई। फरीदाबाद से आए संतोष कुमार ने मीडिया से बातचीत में बताया कि एक ही मार्ग से लोग आ और जा रहे थे।

कुछ लोग पीछे तो कुछ आगे की तरफ बढ़ रहे थे। दीवार पर कुछ तारें लगी थी, उसे पकड़कर लोग चढ़ने लगे। उसमें वे भी शामिल थे। जैसे ही तार छिल गई और उससे करंट फैल गया। 10-12 लोग नीचे गिर गए। वह अपने परिवार के लोगों से बिछुड़ गए। किसी तरह उन्होंने खुद को बचाया। नीचे गिरे हुए लोगों के ऊपर से ही सभी भागने लगे।

संतोष ने बताया कि रास्ते में दबाव बढ़ा तो लोगों के ऊपर गिरने लगे। साइड में दुकानों के पीछे तार लगे हुए थे, जिन्हें पकड़कर लोग चढ़ने लगे तो करंट लगना शुरू हुआ और फिर भगदड़ की स्थिति बन गई। उन्होंने बताया कि एक ही मार्ग पर आने और जाने की व्यवस्था होने से स्थिति ज्यादा भयंकर बनी हुई थी।

एसएसपी प्रमेंद्र सिंह डोबाल के मुताबिक, रविवार सुबह नौ बजे सूचना मिली कि मनसा देवी मंदिर के पैदल मार्ग पर भगदड़ मचने से कुछ लोग घायल हो गए हैं। सूचना मिलते ही पुलिस बल मौके पर पहुंचा और घायलों को एंबुलेंस से जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां आठ श्रद्धालुओं को मृत घोषित कर दिया गया, दो ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया।

गंभीर घायलों को एम्स ऋषिकेश रेफर कर दिया गया है। एसएसपी का कहना है कि प्रथम दृष्टया सामने आया कि बिजली के तार में करंट आने की अफवाह फैली थी, जिसके बाद भगदड़ मच गई। अभी इसके पीछे के कारणों की जांच की जा रही है।

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