उत्तराखंड के हरिद्वार में जिले को ई-रिक्शा के जंजाल से मुक्ति दिलाने की योजना तैयार, लगाए जाएंगे स्पेशल स्टीकर…….

हरिद्वार: हरिद्वार जिले को ई-रिक्शा के जंजाल से मुक्ति दिलाने के लिए कार्ययोजना तैयार की गई है। इसके तहत ई-रिक्शा चालकों और स्वामियों को पुलिस सत्यापन कराने के यातायात व्यवस्था को सुव्यवस्थित करने का प्रयास।

जिले में जाम की समस्या का मुख्य कारण बन रहे ई-रिक्शा के जंजाल से मुक्ति के लिए कार्ययोजना तैयार कर ली गई है। जिला सड़क सुरक्षा समिति की सोमवार को हुई बैठक में डीएम ने इसे स्वीकृति दे दी।अगले माह से ई-रिक्शाओं का सत्यापन शुरु होगा। इसके बाद चालक निर्धारित जोन में ही ई-रिक्शा चला सकेंगे।

जिला कार्यालय सभागार में हुई बैठक में सड़क दुर्घटनाओं की समीक्षा, प्रर्वतन की स्थिति और सुधारात्मक उपायों पर चर्चा हुई। डीएम ने ई-रिक्शा के अनियमित संचालन, यातायात अव्यवस्था और सड़क सुरक्षा से जुड़ी समस्याओं को लेकर कड़ा रूख दिखाया।

उन्होंने ई-रिक्शा सत्यापन एवं निरीक्षण की मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) को स्वीकृति दे दी। इसके अंतर्गत निर्णय लिया गया कि ई-रिक्शा निरीक्षण एवं सत्यापन अभियान दिनांक 19 जनवरी से 18 फरवरी तक हरिद्वार और रुड़की में चलेगा।

बैठक में लोनिवि के अधीक्षण अभियंता डीके सिंह, अधिशासी अभियंता दीपक कुमार, एनएचएआई के अधिशासी अभियंता अतुल शर्मा, सहायक परिवहन अधिकारी नेहा झा व निखिल शर्मा, कृष्ण चंद्र पलाड़िया आदि मौजूद रहे।

विशेष स्टीकर लगे ई-रिक्शा ही चलेंगे
ई-रिक्शा चालकों और स्वामियों को पुलिस सत्यापन कराने के लिए एक माह का समय दिया गया है। 19 जनवरी से प्रतिदिन लगभग 500 ई-रिक्शाओं को चरणबद्ध रूप से भौतिक सत्यापन के लिए बुलाया जाएगा। पुलिस और परिवहन विभाग के सत्यापन के बाद विशेष पहचान स्टीकर जारी किया जाएगा। स्टीकर प्राप्त ई-रिक्शा ही नगर क्षेत्र में संचालन के लिए अधिकृत होंगे। बिना स्टीकर वाले ई-रिक्शा पर कार्रवाई की जाएगी।

प्रत्येक ई-रिक्शा का निर्धारित होगा जोन
नगर क्षेत्र को विभिन्न जोनों में बांटा जाएगा। प्रत्येक चालक अपने निर्धारित जोन में ही ई-रिक्शा संचालन कर सकेगा। दूसरे जोन में ई-रिक्शा चलाने पर कार्रवाई होगी। डीएम ने कहा कि यह व्यवस्था ई-रिक्शा संचालन को सुव्यवस्थित करने, अवैध और अनियमित ई-रिक्शाओं पर प्रभावी नियंत्रण और यात्रियों की सुरक्षा की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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