उत्तराखंड के पहाड़ में पेट्रोल डीजल की किल्लत तो बाकी सामान पर भी दिख रहा मंहगाई का असर…..

देहरादून : उत्तराखंड में बारिश के कहर से पहाड़ के लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। कुमाऊं के कई जिलों के पेट्रोल पंपों में पेट्रोल-डीजल खत्म होने के बोर्ड लगने शुरू हो गए हैं। पहाड़ों में फंसे पर्यटकों समेत जरूरतमंदों की इससे दिक्कतें और बढ़ रही हैं। हालांकि तराई में स्थिति अभी सामान्य है।

फिलहाल पहाड़ों में पेट्रोल-डीजल खत्म होने से लोगों के वाहन घरों में खड़े हो गए हैं। टैक्सी और बस चालक सवारियां होने के बाद भी तेल के चक्कर में बुकिंग पर नहीं जा पा रहे हैं। यह स्थिति कब तक सामान्य होगी, फिलहाल अधिकारी कुछ भी स्पष्ट रूप से नहीं बता पा रहे हैं। आपदाग्रस्त क्षेत्रों में मार्ग अवरुद्ध होने से पेट्रोल-डीजल की सप्लाई चुनौती बनी हुई है।

पहाड़ों में डीजल-पेट्रोल के भाव बिक रहा टमाटर: पहाड़ी जिलों में आफत की बारिश का कहर फिलहाल थम तो गया है लेकिन जिंदगी की गाड़ी बेपटरी होती जा रही है। दैवीय आपदा से हुए नुकसान से उबरने की कोशिश में लगे पहाड़ के लोगों को अब जबरदस्त महंगाई की मार झेलनी पड़ रही है। शहर से जोड़ने वाले मुख्य मार्ग बंद होने के कारण फल-सब्जियों आर अन्य रोजमर्रा की चीजों के दाम बढ़ने लगे हैं।

आलम ये है कि सीमांत जिले पिथौरागढ़ समेत अल्मोड़ा, चम्पावत, बागेश्वर, नैनीताल में टमाटर और सेब 100 रुपये तक पहुंच गया है। इसी दाम पर डीजल-पेट्रोल भी बिक रहा है। गुरुवार को पिथौरागढ़ में टमाटर 120, अल्मोड़ा में टमाटर 100, चंपावत में टमाटर सौ रुपये किलो के भाव बिके।

जिलेवार दाम टमाटर सेब पेट्रोल
पिथौरागढ़। 120 100-120 103.70
अल्मोड़ा 100 100-120 102.83
चम्पावत 100 100 100.46
बागेश्वर 70 125-150 119
नैनीताल। 80 140 101
हल्द्वानी 50 80-100 101.83
रुद्रपुर 80 50 101.99
काशीपुर 50 70-100

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