उत्तराखंड की राजधानी में दून मेडिकल कालेज के पीजी हॉस्टल में आधी रात अर्धनग्न डांस, पुलिस के साथ धक्का-मुक्की……..

देहरादून: हमारे भावी डॉक्टर। रात 02 बजे अर्धनग्न अवस्था, नशे की हालत और स्पीकर में बज रहे तेज गाने। साथ में मेडिकल छात्राओं की संदिग्ध उपस्थिति। स्थल है दून मेडिकल कॉलेज का पीजी हॉस्टल। जो दून अस्पताल की पुरानी बिल्डिंग के पास ही है। यहां तक भी बात संभली हुई थी। लेकिन, जब आसपास के लोगों की आपत्ति और स्वयं पीजी हॉस्टल के सिक्योरिटी गार्ड ने पुलिस कंट्रोल रूम पर मेडिकल छात्रों के हंगामे की खबर दी तो बात बाहर आ गई। मौके पर पुलिस समझाने पहुंची और मेडिकल छात्र आपा खो बैठे। यहीं, से मेडिकल छात्रों के कारनामे की बात भी जगजाहिर हो गई।

अब आपको सीधा मुद्दे पर लेकर चलते हैं। पुलिस टीम के रूप में हॉस्टल में पहले चीता कर्मी पहुंचे तो मेडिकल छात्रों ने धौंस दिखाकर उन्हें बैरंग कर दिया। जिसके बाद शहर कोतवाली से पुलिस टीम हॉस्टल पहुंचती है। मौके के कुछ वीडियो फुटेज भी सामने आए हैं। जिसमें हालात के मुताबिक नजर आता है कि अर्धनग्न हालत में मेडिकल छात्र कुछ छात्राओं के साथ बेकाबू स्थिति में तेज संगीत के बीच चूर हैं।

हालांकि, पुलिस की मौजूदगी पर कुछ छात्र गुस्सा हो जाते हैं और शर्ट पहनते हुए गालियां देते हुए देख लेने वाले अंदाज में नजर आते हैं। खैर, जैसे-तैसे रात को हालात काबू में कर दिए जाते हैं और रविवार को सीनियर छात्रों की उपस्थिति में पुलिस के समक्ष मौखिक माफी मांगी जाती है। यहां फिलहाल मामला टल गया है, लेकिन अपने पीछे तमाम सवाल भी छोड़ गया है।

सवाल यह कि ये कौन मेडिकल छात्र गुंडों के अंदाज में देहरदून/उत्तराखंड में भर्ती हो गए हैं। क्या ये हमारे भावी डॉक्टर हैं? अगर हैं तो ये कैसे डॉक्टर बनेंगे? क्या इनके भरोसे हम अपनी और अपने लोगों की जिंदगी सौंप सकते हैं? जहरीली कफ सिरप कोल्ड्रिफ के मौत के तांडव के बीच इस तरह के भावी डॉक्टर हमें और डराने वाले नजर आते हैं।

इससे पहले कुछ रोज पहले ही ऋषिकेश एम्स के पास एक ऐसी ही भावी डॉक्टर की नशे की हालत में उल्टियां करते हुए वीडियो सामने आ चुकी है। फिल्मों के कबीर सिंह के डॉक्टर वाला अंदाज असल जिंदगी में नहीं होता है। यदि यह बात भी उच्च प्रशिक्षित हमारे भावी डॉक्टरों को समझ नहीं आती है तो ऐसे डॉक्टरों से हमें भगवान ही बचाए। फिल्मों में असल जिंदगी का अंश जरूर होता है, लेकिन फिल्में कभी असल जिंदगी नहीं बन सकती।

लिहाजा, दून मेडिकल कालेज अस्पताल के पीजी हॉस्टल के इस ताजा घटनाक्रम पर स्वास्थ्य मंत्री, स्वास्थ्य सचिव और समूची सरकार को गंभीरता से विचार करने की जरूरत है। शराब पीना अपराध नहीं और नशे में झूमना भी नहीं। लेकिन, इस तरह रात 02 बजे अर्धनग्न हालत में तेज धुन में दूसरों की जिंदगी में खलल डालने वाला उत्सव और आनंद किसे स्वीकार्य होगा।

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *