उत्तराखंड में रानीपोखरी पुल टूटने के बाद जागा शासन , अब प्रमुख सचिव आर के सुधांशु ने प्रदेश भर के पुलों की मांगी रिपोर्ट….
देहरादून : उत्तराखंड में क्षतिग्रस्त और जर्जर हो चुके विभिन्न पुलों का अब उद्धार हो सकेगा। इसके तहत पुलों की जांच कराकर एक सप्ताह के भीतर शासन को रिपोर्ट सौंपने के निर्देश जारी किए गए हैं।
आपको बता दें कि प्रदेश के विभिन्न जिलों में खासकर पर्वतीय इलाकों में कई पुलों की स्थिति बहुत दयनीय बनी हुई है। कई पुल जर्जर स्थिति में पहुंच चुके हैं तो कइयों की रेलिंग और एप्रोच रोड क्षतिग्रस्त है। प्रमुख सचिव लोनिवि आरके सुधांशु ने इस संबंध में प्रमुख अभियंता लोनिवि को जांच के लिए निर्देशित करते हुए एक सप्ताह में रिपोर्ट देने को कहा है।
गंगोत्री हाईवे पर ग्रगोरी में अस्सी गंगा नदी पर बना अस्थायी पुल, रुद्रप्रयाग में बदरीनाथ व गौरीकुंड हाईवे को जोड़ने वाला जवाड़ी बाईपास सेतु, भिलंगना ब्लाक में धर्मगंगा नदी पर झाला में निर्माणाधीन सेतु, बीरोंखाल ब्लाक के अंतर्गत अरकडांई के पंचराड़ गदेरे में क्षतिग्रस्त सेतु, नसाली टिहरी मार्ग पर मरम्मत के अभाव में जर्जर गढ़माणा पुल, उत्तरकाशी के तिलोथ में निर्माणाधीन एप्रोच सेतु, गोपेश्वर में बामनाथ गदेरे का क्षतिग्रस्त गार्डर पुल और केदारनाथ, केदारघाटी और तल्लानागपुर क्षेत्र को जोड़ने वाला मोटर सेतु आदि प्रमुख थे।
प्रमुख सचिव आर के सुधांशु के अनुसार मैंने पुराने पुलों के संबंध में विभाग से एक सप्ताह में रिपोर्ट मांगी है। उन्होंने पुराने पुलों का ब्योरा देने को कहा है। विभाग जांच करके मुझे रिपोर्ट भेजेगा और उसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
प्रदेश में पुलों की स्थिति
बड़े मोटर पुल – 526
छोटे मोटर पुल- 1739
बड़े पैदल पुल – 527
छोटे पैदल पुल – 774
प्रदेश में कुल पुलों की संख्या- 3566