उत्तराखंड में बहाने बनाकर ऐसे ही चुनाव ड्यूटी से नही बच पाएंगे कर्मचारी , ऐसा करने वालो पर कार्यवाही की तैयारी….

देहरादून : खुद को रोगग्रस्त बताकर चुनाव ड्यूटी से मुक्ति पाने की कोशिश में लगे कर्मचारियों को मेडिकल बोर्ड के सामने पेश होना होगा। मेडिकल बोर्ड ऐसे कार्मिकों की उपचार हिस्ट्री की जांच करेगा। इसके बाद ही उन्हें चुनाव से ड्यूटी से मुक्त करने पर फैसला लिया जाएगा। जिले में चुनाव ड्यूटी के लिए तैयार किए जा रहे पांच हजार कर्मचारियों का प्रशिक्षण शुरू हो गया है।

कई कर्मचारियों ने गंभीर रोगग्रस्त होने का हवाला देकर चुनाव ड्यूटी से खुद को हटाए जाने का आवेदन किया है। इनमें काफी कर्मचारियों के आवेदन प्रशासन को मिल गए हैं। अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व केके मिश्रा ने बताया कि जो कर्मचारी बीमारी का हवाला देते हुए चुनाव ड्यूटी से राहत पाना चाहते हैं, उन्हें मेडिकल बोर्ड के सामने पेश होना होगा। बोर्ड से ग्रीन सिग्नल मिलने पर वह चुनाव ड्यूटी से हट पाएंगे। मेडिकल बोर्ड की पहली बैठक 18 जनवरी को होगी।

सबसे ज्यादा आवेदन लोनिवि के कर्मचारियों के
एडीएम ने बताया कि बीमारी के चलते चुनाव से हटने के लिए बीते दिनों तक 20 कर्मियों के आवेदन मिले हैं। इनमें सबसे ज्यादा लोनिवि से हैं। नए आवेदन भी आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि जिन बीस कर्मियों के पहले आवेदन मिले, उन्हें 18 जनवरी को बोर्ड के सामने पेश होना होगा। इनमें उरेडा के वरिष्ठ परियोजना अधिकारी मनोज कुमार, लोनिवि के सहायक अभियंता विनेश कुमार, डाकपत्थर स्थित महाविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर पूरन सिंह, जवाहन नवोदल विद्यालय सहसपुर के कार्यालय अधीक्षक जेएस नेगी, जीआईसी रायवाला के परिचारक गंभीर सिंह रांगड़।

जीआईसी कोटी कॉलोनी कालसी के प्रवक्ता नागेंद्र पुरोहित, लोनिवि के अधिशासी अभियंता राजेंद्र प्रताप सिंह, राजकीय पीजी कालेज डोईवाला के असिस्टेंट प्रोफेसर डा. अनिल भट्ट, लोनिवि के अधिशासी अभियंता बीसी पंत, लोनिवि के सहायक अभियंता संजय पंत, डोईवाला पीजी कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर डा. नवीन कुमार नैथानी, अस्थाई खंड ऋषिकेश के सहायक अभियंता सतीश कुमार, लोनिवि के सहायक अभियंता नीरज कुमार त्रिपाठी, ओएनजीसी तेल भवन के सरबजीत सिंह अंसल।

पशुपालन विभाग के कनिष्ठ सहायक गंगा लाल, खंड शिक्षा अधिकारी डोईवाला कार्यालय के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी रामबाबू जोशी, जीआईसी रायपुर के प्रोफेसर जगमोहन सिंह नेगी, पंचस्थानी चुनावालय के वरिष्ठ सहायक मनीष तिवाड़ी, वन विभाग के साइंटिस्ट-ई राजीव पांडे, पेयजल निगम के मुख्य व्यक्तिक अधिकारी मदन लाल डोभाल शामिल हैं। इनकी सेक्टर और जोनल मजिस्ट्रेट के लिए ड्यूटी प्रस्तावित की गई है।

कोरोना की रिपोर्ट दिखाने वालों की होगी जांच
कई कर्मचारियों ने रिपोर्ट दिखाकर कोरोना संक्रमित होने की बात कहते हुए चुनाव प्रशिक्षण से दूरी बनाई है। ऐसे कर्मचारियों को नोटिस जारी कर उनकी प्रशासन अपने स्तर पर कोरोना जांच कराएगा। इसके लिए परेड ग्राउंड में सेंपलिंग सेंटर बनाया जा सकता है।

कर्मचारियों पर कार्रवाई की तैयारी
चुनाव ड्यूटी से गायब रहने वाले कर्मचारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के साथ ही कानूनी कार्रवाई करने की तैयारी भी प्रशासन और निर्वाचन विभाग ने की है। डीएम डॉक्टर आर राजेश कुमार ने बताया कि जो कर्मचारी बिना उचित कारण दिए चुनाव प्रक्रिया से गायब रहेंगे उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। जिले में जिन विभागों के अधिकारियों ने अपने कर्मचारियों का डाटा नहीं दिया है, उन पर भी कार्रवाई की तैयारी निर्वाचन विभाग ने कर ली है।

चुनाव के लिए कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। कुछ कर्मचारी चुनाव में ड्यूटी से बचने के लिए अलग-अलग कारण बता रहे हैं। ऐसे कर्मचारियों की जांच कराई जाएगी। इसके बाद रिलीव कर दिया जाएगा। केके मिश्रा, एडीएम वित्त एवं राजस्व

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