उत्तराखंड में चुनाव सर पर हैं और सरकार को कर्मचारियों से भिड़ा रहे शासन के अधिकारी, हड़ताली सचिवालय कर्मियों पर मुकदमा और अब सचिवालय में एंट्री भी बैन….

देहरादून : चुनावी समय में प्रशासन के अधिकारी सरकार और कर्मचारियों को आपस में भिड़ने में जुटी है साफ है चुनाव सर पर है और कर्मचारी विरोधी फैसलों से सरकार के खिलाफ माहौल बनाया जा रहा है सचिवालय कर्मियों पर ना केवल मुकदमा दर्ज किया गया बल्कि सीएम आवास पर उनको बुला कर उनसे मुलाकात तक नहीं की गई वहीं अब सचिवालय में एंट्री भी नहीं दी जाएगी ऐसे में बड़ा सवाल ये उठता है कि सरकार को ना केवल कर्मचारियों से बातचीत करो ने समझाना चाहिए बल्कि जिस तरह की के फैसले अधिकारी ले रहे हैं उस पर भी लगाम लगनी लगानी चाहिए।

सचिवालय कर्मियों ने बताया कि उनको मुख्यमंत्री के वार्ता हेतु बुलावे के बाद सचिवालय संघ व सचिवालय के सभी संवर्गीय संघो के पदाधिकारियो को 3 घण्टे तक प्रतीक्षा कराये जाने के बाद जरूरी व्यस्तताओ का कारण देते हुये न मिलना दुर्भाग्यपूर्ण रहा, सचिवालय संघ का इस तरह का अपमान शायद मा0 मुख्यमंत्री जी के अभिनन्दन कार्यक्रम का पारितोषिक है, सचिवालय संघ की अनिश्चितकालीन हडताल यथावत और चौगुनी ऊर्जा के साथ चलती रहेगी, कोई भी सदस्य शासकीय कार्य नही करेगी, अब संघ सरकार से आर पार की लडाई लडेगा।

वहीं शासन की तरफ से हड़ताली सचिवालय कर्मियों को सचिवालय में एंट्री भी नहीं लेने दी जाएगी इसके लिए हम कायदा आदेश जारी कर दिए गए हैं।

आप अवगत हैं कि वर्तमान में सचिवालय संघ द्वारा हड़ताल एवं कार्य बहिष्कार किया जा रहा है। उत्तराखण्ड राज्य कर्मचारियों को आचरण नियमवाली 2002 में दी गयी व्यवस्था के अनुसार कर्मचारियों द्वारा स्वयं या किसी अन्य सरकारी कर्मचारी की सेवा से संबंधित किसी मामले में न तो कोई हड़ताल की जायेगी और न ही किसी ताल के लिये प्रेरित किया जायेगा कार्मिक विभाग, उत्तराखण्ड शासन के पत्र संख्या-109/xXx (2)/2020-04क10-2/ 13 दिनांक 32 मार्च, 2021 द्वारा भी कर्मचारियों द्वारा की जाने वाली हड़ताल को प्रतिबंधित बताया गया है। कार्मिक विभाग द्वारा समय-समय पर जारी शासनादेशों में भी इस प्रकार की व्यवस्था की गयी है।

कार्मिक विभाग के नवीनतम शासनादेश संख्या- 412/X00x (2)/2013 दिनांक 07 दिसम्बर, 2021 के द्वारा समय विचारोपरान्त कार्मिकों के द्वारा राज्य कर्मचारी आचरण नियमावली के प्राविधानों के प्रतिकूल कार्य महिष्कार / प्रदर्शन / हसताल की स्थिति उत्पन्न किये जाने की घटना के संबंध में कतिपय दिशा-निर्देश दिये गये है। इसी शासनादेश में यह भी व्यवस्था है कि हड़ताल / कार्य बहिष्कार की अवधि में जो कार्मिक काम पर आते उन्हें पूर्ण सुरक्षा प्रदान की जायेगी।

इस क्रम में मुझे यह कहने का निर्देश हुआ है कि उत्तराखण्ड सचिवालय संघ द्वारा किये जा रहे कार्य बहिष्कार / धरना प्रदर्शन / हड़ताल आदि तक सचिवालय में कार्यरत केवल उन्हीं अधिकारियों / कर्मचारियों को सचिवालय में प्रवेश की अनुमति दी जायेगी जिनके द्वारा सलग्न घोषणा पत्र को भरा जायेगा तथा यह घोषणा की जायेगी की उनके द्वारा सचिवालय में किसी भी प्रकार के धरना प्रदर्शन कार्य बहिष्कार कार्यालयों में तालाबन्दी, किसी अधिकारी अथवा कर्मचारी को काम करने से रोकने अथवा राज्य कर्मचारियों की आचरण नियमावली-2002 के प्रतिकूल कोई कार्य नहीं किया जायेगा।

यदि सचिवालय के किसी गेट पर अधिक भीड़ होती है तो सचिवालय में कर्मचारियों / अधिकारियों के प्रवेश हेतु ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित करायी जाये ताकि सचिवालय में काम करने वाले अधिकारियों/ कर्मचारियों का आवागमन सुगम तथा सुविधाजनक हो सके एवं हडताल / कार्य बहिष्कार आदि में शामिल कार्मिकों का सचिवालय में प्रवेश वर्जित किया जा सके। यदि किसी कर्मचारी / अधिकारी द्वारा उक्त उल्लंघन किया जाता। तो इसकी समुचित का फोटोग्राफी वीडियोग्राफी करायी जाये तथा अन्य प्रमाण एकत्रित किये जाये तथा प्रतिदिन इसकी सूचना सचिव सचिवालय प्रशासन विभाग, अपर मुख्य सचिव, सचिवालय प्रशासन विभाग, अपर मुख्य सचिव, मा० मुख्यमंत्री जी तथा मुख्य सचिव महोदय को प्रेषित की जाये। उक्त प्रावधानों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराया जाये।

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