उत्तराखंड के देवभूमि संस्थान में डॉ. राजेन्द्र सिंह नें जल संरक्षण में स्थानीय लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने पर दिया बल….

देहरादून : देवभूमि ग्रुप ऑफ़ इंस्टीट्यूशन्स के एग्रिकल्चर एन्ड अलाइड साइंसेज द्वारा ऑनलाइन वेबिनार का आयोजन किया गया। प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण विषय पर आयोजित इस वेबिनार में मैगसेसे पुरुस्कार से सम्मानित जलपुरुष राजेन्द्र सिंह एवं पर्यावरण विशेषज्ञ संजय राणा मुख्य वक्ता के तौर पर शामिल हुए।

राजेंद्र सिंह ने जल संरक्षण पर किये अपने कार्यों को साझा करते हुए कहा कि अगर देश को पानीदार बनाना है तो हमे मानवता ओर प्रकृति दोनों को समान रूप से सम्मान देना होगा।

डॉ राजेन्द्र ने कहा कि पानी के संवर्धन के लिए स्थानीय स्तर पर लोगों को जोड़ना होगा, प्राकृतिक डिज़ाइन के बांध बनाने होंगे।उन्होंने कहा कि इससे लोगों को अपना घर जमीन नही छोड़नी पड़ेगी बल्कि वे अपनी भूमि पर खेती कर पाएंगे।

उन्होंने जलवायु परिवर्तन और ग्लोबल वार्मिंग सहित कई महत्वपूर्ण पर्यावरणीय चुनौतियों का उल्लेख करते हुए कहा कि इस तरह के पर्यावरणीय परिवर्तनों के प्रतिकूल नतीजों को कम करने के लिए जागरूकता बढ़ानी होगी।

उन्होंने छात्रों और युवाओं को पर्यावरण संरक्षण में सक्रिय भागीदार बनने और सामने से सभी पर्यावरण अभियानों का नेतृत्व करने के लिए प्रेरित किया। पर्यावरण और सामाजिक अनुसंधान संगठन के संस्थापक श्री संजय राणा ने ‘पारिस्थितिकी तंत्र की बहाली’ के लिए चिंता दिखाई और कहा कि पर्यावरण और उसके संसाधनों का ‘टिकाऊ उपयोग’ ही पर्यावरण को और अधिक नुकसान से बचाने का एकमात्र तरीका है।

कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए डीबीजीआई के अनुसंधान निदेशक डॉ. आर.के. त्रिपाठी एवं समूह निदेशक डॉ. मनीष प्रतीक ने कहा कि जिस तरह से हमारी जिम्मेदारी परिवार समाज के प्रति होती है उसी तरह से हमे प्रकृति के प्रति भी नैतिक जिम्मेदारियों का निर्वहन करना होगा। डीबीआईएमएस के संयुक्त निदेशक दिग्विजय सिंह ने भी विषय पर अपने विचार रखे और धन्यवाद ज्ञापित किया. डॉ मनीषा, एचओडी, कृषि विभाग कार्यक्रम समन्वय की भूमिका में रही। डॉ रेखा धनई, डॉ भव्य त्रिवेदी, हिमानी राणा और अश्विनी रावत सहित सभी विभागों के विभागाध्यक्ष, शिक्षक एवं छात्रों ने कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। कार्यक्रम का संचालन अश्विनी रावत ने किया।

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