उत्तराखंड में धामी सरकार की बड़ी योजना, देवभूमि परिवार योजना, जानिए क्या है ये…….
देहरादून: देवभूमि परिवार योजना, उत्तराखण्ड के अन्तर्गत एक एकीकृत, व्यापक और गतिशील परिवार आधारित डाटाबेस का निर्माण किया जा रहा है, जो शासन की योजनाओं और सेवाओं के वितरण को “मांग आधारित” प्रणाली से आगे बढ़ाकर “प्रोएक्टिव” और “पेपरलैस” प्रणाली में परिवर्तित करता है।
1-योजना का उद्देश्य एवं स्वरूपः-
उत्तराखण्ड राज्य में निवासरत परिवारों की फैमिली आई०डी० बनाने के साथ राज्य में लागू महत्वपूर्ण एवं जनोपयोगी विभिन्न योजनाओं/ सेवाओं को लाभार्थी फैमिली की आई०डी० से एकीकृत करते हुये उन योजनाओं का उन्हें सीधा व समुचित लाभ प्रदान किया जाना “देवभूमि परिवार योजना का उद्देश्य है।
उत्तराखण्ड राज्य हेतु प्रस्तावित “देवभूमि परिवार योजना” के अन्तर्गत उत्तराखण्ड राज्य में निवासरत परिवारों का विस्तृत डेटा बेस तैयार करते हुये उन्हें विशिष्ट परिवार पहचान संख्या प्रदान की जायेंगी, तदोपरान्त चिन्हित परिवारो हेतु लाभार्थी योजनाओं को उनकी आई०डी० से सम्बद्ध किया जायेगा, ताकि लाभार्थी परिवारों को उन योजनाओं का सीधा व समुचित लाभ मिल सके। एकीकरण के उपरान्त लाभार्थी परिवारों को वे समस्त योजनाऐं एक क्लिक में दिखाई देंगी, जिनके लिये वे लाभार्थी पात्र हैं। इसके साथ ही यह दृश्य होगा कि उन योजनाओं में से कितनी योजनाओं का लाभ वह उठा चुके हैं तथा कितनी योजनाओं का लाभ प्राप्त किया जाना शेष है।
2-योजना के लाभ-
लाभार्थी को पासबुक के माध्यम से प्रत्यक्ष लाभ की सूचना प्राप्त हो सकेगी।
अपात्र लाभार्थियों का चिन्हिकरण एवं उन्मूलन।
डाटाबेस के आधार पर पात्र लाभार्थी को स्वतः सूचना।
विभिन्न योजनाओं / सेवाओं हेतु आवेदन के समय दस्तावेजों के पुनः प्रस्तुतिकरण का उन्मूलन।
नागरिकों एवं सरकार के Transaction लागत में कमी।
योजनाओं / सेवाओं के माध्यम से राज्य सरकार सीधे नागरिकों से संवाद स्थापित कर सकेगी।
इस योजना के माध्यम से विभिन्न विभागों को जनहित के लिये नीतियों को अधिक सक्षम और प्रभावी बनाने में सहायता करेगा।
इस व्यवस्था के माध्यम से समस्त नागरिकों, विशेष रूप से वंचित वर्गों तक योजनाओं / सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित की जा सकेगी।
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इस व्यवस्था के माध्यम से विभिन्न विभागों को परिवार की आकांक्षा के अनुसार अग्रेत्तर योजना बनाने में सहायता प्राप्त होगी (bottom up approach) |
राज्य में आवश्कतानुसार डाटाबेस में उपलब्ध सूचना के आधार पर विभिन्न मूलभूत सुविधाओं / अधोसंरचनाओं को विकसित किया जा सकेगा।
आपदा इत्यादि की स्थिति में सीधे नागरिकों / परिवारों से संवाद स्थापित करते हुये राहत आदि का वितरण सुनिश्चित किया जा सकेगा।
नागरिकों / परिवारों की समग्र एवं व्यापक (360°) प्रोफाइल तैयार की जा सकेगी, जिसमें सामाजिक, आर्थिक एवं जनसांख्यिकीय सभी विवरण शमिल होगें।

