उत्तराखंड में ठीक चुनावो से पहले ऐसे नगीनों को तैनाती, आपके फैसलों पर भी सवाल उठ रहे मंत्री जी, सीएम भी हो गए नाराज….

देहरादून : विवादित मृत्युंजय मिश्रा को आयुर्वेद विश्वविद्यालय का रजिस्ट्रार नियुक्त कर न सिर्फ सबको चौंका दिया बल्कि चुनावी मौसम में विपक्ष को सरकार और BJP पर प्रहार के लिए जबर्दस्त हथियार सौंप दिया। CM पुष्कर सिंह धामी ने इस मामले में आज आयुष मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत से फोन पर इसकी वजह जानने की कोशिश करने के साथ ही एक किस्म से इस पर आधिकारिक तौर पर जवाब तलब किया है।

3 साल पहले सतर्कता विभाग की कार्रवाई में जेल गए मृत्युंजय को कुलसचिव बनाने के आदेश में ये कमज़ोर सी कैफियत दी गई है कि जब सतर्कता विभाग की जांच रिपोर्ट आ जाएगी तो अंतिम फैसला तब ले लिया जाएगा। तब तक उनको आयुर्वेद विवि में वेतन के साथ ही सारी सुविधाएं लौटाते हुए रजिस्ट्रार पद पर फिर से नियुक्त कर दिया। सर्वोच्च न्यायालय ने कुछ शर्तों के साथ मृत्युंजय को जमानत दी है।

शासन के आदेश के मुताबिक मृत्युंजय के खिलाफ सतर्कता जांच चलने के कारण उनके खिलाफ विभागीय और अनुशासनिक कार्रवाई का फिलहाल कोई औचित्य नहीं है। सतर्कता विभाग की जांच रिपोर्ट आ जाती है तो गुण दोष के आधार पर आगे की कार्रवाई तय की जाएगी। इसके बाद मृत्युंजय की बहाली को ले के सोशल मीडिया में भी सुर्खियां बन उठी। चुनावी मौसम में इस किस्म के विवादित फैसले से खुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बेहद खफा बताए जा रहे।

CMO सूत्रों के अनुसार पुष्कर ने मामला जानकारी में आने के बाद आयुष मंत्री को फोन कर उनसे इस कदम और फैसले के पीछे की पूरी रिपोर्ट सख्ती के साथ तलब की। सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री पुष्कर आने वाले चुनाव के मद्देनजर इस किस्म के विवादों से दूर रहने की कोशिश कर रहे हैं। इस बात की पूरी संभावना है कि सरकार विवादित छवि को देखते हुए कि मृत्युंजय से फिर चार्ज वापिस ले के पैदल कर दे।

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