उत्तराखंड के हरिद्वार में मनसा देवी मंदिर पर भगदड़ के बाद वन-वे यातायात का डेमो, सुरक्षा बढ़ाई गई……..

हरिद्वार: हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर में भगदड़ के बाद प्रशासन जागा। मंदिर में वन-वे यातायात का डेमो किया गया जिसमें श्रद्धालुओं को एक मार्ग से ऊपर भेजा गया और दूसरे से नीचे उतारा गया। एसडीआरएफ के जवान तैनात किए गए हैं और सीओ यातायात को व्यवस्था सौंपी गई है। डीएम और एसएसपी ने जल्द ही जरूरी इंतजाम करने की बात कही।

मनसा देवी मंदिर सीढ़ी मार्ग पर भगदड़ में आठ श्रद्धालुओं की मौत के बाद आखिरकार पुलिस प्रशासन नींद से जाग गया। डीएम मयूर दीक्षित और एसएसपी प्रमेन्द्र डोबाल अधीनस्थों के साथ पहले मनसा देवी मंदिर पहुंचे और फिर चंडी देवी मंदिर का जायजा लिया। इस दौरान मनसा देवी मंदिर में वन−वे यातायात का डेमो कराया गया।

श्रद्धालुओं को एक मार्ग से ऊपर भेजा गया और दूसरे मार्ग से नीचे उतर गया। हालांकि बाद में फिर पुरानी व्यवस्था ही लागू कर दी गई।

सीढ़ियों पर एसडीआरएफ के जवानों की तैनाती
जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि जरूरी इंतजाम करने के बाद जल्द ही इस पर निर्णय लिया जा सकता है। इसके साथ ही सीढ़ियों पर एसडीआरएफ के जवानों की तैनाती की गई है। सीओ यातायात संजय बलूनी को मनसा देवी मंदिर आने और जाने वाले श्रद्धालुओं की यातायात व्यवस्था में लगाया गया है।

ये था मामला, अफवाह फैली और दौड़ पड़े लोग
रविवार के दिन हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर में भारी भीड़ थी। राास्‍ते लोगों से खचाखच भरे थे। अचानक अफवाह फैली और लोग बचने के लिए दौड़ पड़े और यह हादसा हो गया। उत्‍तराखंड प्रशासन ने घटना की जानकारी के लिए हेल्पलाइन नम्बर भी जारी किए गए।

श्रावण मास कांवड़ मेले में शिवरात्रि पर्व पर जल चढ़ाने के बाद अमूमन कांवड़ यात्री हरिद्वार नहीं पहुंचते हैं। पहली बार ऐसा हुआ है कि जल चढ़ाने के बाद भी बड़ी संख्या में कांवड़ यात्री हरिद्वार पहुंचे। इनमें बड़ी तादाद में कांवड़ यात्री मनसा देवी मंदिर पहुंच गए। यही वजह है कि भीड़ बढ़ने पर तार टूटने से करंट फैलने की अफवाह फैली और भगदड़ मच गई। मौके पर पहुंचे ऊर्जा निगम के अधीक्षण अभियंता प्रदीप चौधरी ने तार टूटने या करंट फैलने की खबरों का खंडन किया है।

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