उत्तराखंड में कोल्ड डे-कोहरे ने बढ़ाई लोगों की मुसीबत, बर्फबारी न होने से पर्यटक मायूस…….
देहरादून: उत्तराखंड में पड़ रही सूखी सर्दी ने लोगों की परेशानी बढ़ाई हुई है। हालांकि, बर्फबारी नहीं होने से ईयर एंड मनाने पहुंच रहे सैलानी मायूस दिख रहे हैं।
उत्तराखंड में लगातार सूखी ठंड का असर दिख रहा है। मौसम विभाग के अनुसार, अगले तीन दिनों तक मौसम शुष्क रहेगा। हालांकि, मैदानी क्षेत्रों में मध्यम से घना कोहरा छा सकता है। इससे लोगों की दुश्वारियां बढ़ सकती है। मैदानी क्षेत्रों में शीत दिवस को लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है। प्रदेश के मैदानी क्षेत्रों में घना कोहरा और शीत दिवस जनजीवन प्रभावित कर रहा है। उधम सिंह नगर, हरिद्वार और देहरादून जिलों में सुबह के समय घना कोहरा छाने के कारण ठंड का असर बढ़ गया है। सुबह और शाम के समय जहां कड़ाके की ठंड पड़ रही है वहीं दिन के समय धूप निकलने से आंशिक राहत मिल रही है।
पर्वतीय क्षेत्र में मौसम साफ।
पर्वतीय क्षेत्रों में मौसम साफ होने और चटख धूप निकलने के कारण तापमान सामान्य से अधिक पहुंच गया है। शुक्रवार को देहरादून का अधिकतम तापमान 21.9 और अधिकतम तापमान 8.2 डिग्री सेल्सियस रहा। उधम सिंह नगर का अधिकतम तापमान 20.2 और न्यूनतम तापमान 8.0 डिग्री सेल्सियस रहा। मुक्तेश्वर कार्यक्रम तापमान 15.6 और न्यूनतम तापमान 5.4 डिग्री सेल्सियस रहा। नई टिहरी का अधिकतम तापमान 14.2 और न्यूनतम तापमान 4.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
पर्यटकों की उमड़ने लगी भीड़।
नए साल और वीकेंड की छुट्टियों के चलते उत्तराखंड के पर्वतीय पर्यटन क्षेत्र में भीड़ उड़ने लगी है। हालांकि पहाड़ी क्षेत्रों में अब तक बर्फबारी नहीं हुई है लेकिन बर्फ देखने की आस में बड़ी संख्या में पर्यटक औली पहुंच गए हैं। पर्यटकों के भारी संख्या में उमड़ने से जाम की स्थिति बन गई और उन्हें अपने वाहन सड़कों के किनारे ही पार्क करने पड़े।
मसूरी, चोपता, धनोल्टी, टिहरी झील, कनातल, नाग टिब्बा, चकराता, लैंसडाउन, रैथल और दयारा बुग्याल में भी पर्यटकों का जमावड़ा लगा हुआ है। नए साल के जश्न के लिए होटल की बुकिंग 80 से 90 फीसदी तक पहुंच गई है।
क्या कहता है मौसम विभाग।
मौसम विज्ञान केंद्र ने अगले तीन दिनों तक प्रदेश में मौसम शुष्क रहने का पूर्वानुमान जारी किया है। हालांकि मैदानी क्षेत्रों में मध्यम से घना कोहरा छा सकता है। शीत दिवस को देखते हुए येलो अलर्ट भी जारी किया गया है। कोहरा छाने के कारण दृश्यता कम होने से यातायात और हवाई सेवाओं पर भी असर पड़ सकता है।

