उत्तराखंड के AIIMS ऋषिकेश में करोड़ों का घोटाला, CBI ने पूर्व निदेशक समेत तीन पर किया मुकदमा…….
देहरादून: एम्स ऋषिकेश में करोड़ों का घोटाला सामने आया है। सीसीयू के लिए 8 करोड़ के 16 बेड लगाए जाने थे, लेकिन मरीजों को लाभ नहीं मिल पाया। सीबीआई ने तीन पर मुकदमा किया है।
एम्स ऋषिकेश में करोड़ों का घोटाला सामने आया है। जानकारी मिली है कि कार्डियोलॉजी विभाग में सीसीयू के लिए बेड लगाए जाने थे, लेकिन 8 करोड़ खर्च करने के बाद भी मरीजों को लाभ नहीं मिला। मामले में अब सीबीआई ने मुकदमा दर्ज तक तफ्तीश शुरू कर दी है।
16 बेड की कोरोनरी केयर यूनिट (सीसीयू) के निर्माण में घोटाला सामने आया है। आरोप है कि टेंडर जारी करने के बाद पूरे उपकरण नहीं खरीदे गए और जो उपकरण इंस्टॉल किए गए, उनकी गुणवत्ता अच्छी नहीं थी। पूर्व निदेशक समेत तीन लोगों के खिलाफ केस दर्ज हुआ है।
2017 का प्रकरण
आरोप है कि पांच दिसंबर 2017 को जारी टेंडर के तहत दिल्ली की कंपनी एमएस प्रो मेडिक डिवाइसेस को ठेका दिया गया। कंपनी ने 2019-2020 में दो किस्तों में सामान की आपूर्ति की। काम के एवज में एम्स ने 8.08 करोड़ का भुगतान किया। इतनी रकम खर्च करने के बावजूद यह यूनिट एक दिन भी नहीं चली।
बीते 26 मार्च को सीबीआई और एम्स अफसरों की संयुक्त जांच में पाया गया कि आपूर्ति किया बहुत सा सामान घटिया है। कुछ सामान गायब है और कुछ स्पेसिफिकेशन से मेल नहीं खाता।
टेंडर फाइल भी गुम हो गई है। इस पर सीबीआई एसीबी दून में एम्स के पूर्व निदेशक डॉ.रविकांत, पूर्व खरीद अधिकारी डॉ.राजेश पसरीचा,पूर्व स्टोर कीपर रूपसिंह समेत अज्ञात सरकारी कर्मियों व निजी लोगों के विरुद्ध गत 26 सितंबर को एफआईआर दर्ज की गई।

