उत्तराखंड में पत्रकार राजीव प्रताप की मौत पर बड़ा खुलासा, हत्या नहीं सड़क हादसा था मामला…….
उत्तरकाशी: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में पत्रकार राजीव प्रताप की रहस्यमयी मौत के मामले में पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। लंबे समय से चल रही चर्चाओं और संदेहों के बीच पुलिस ने स्पष्ट किया है कि यह हत्या नहीं बल्कि एक सड़क दुर्घटना थी।
पुलिस ने कैसे किया खुलासा ?
पुलिस उपाधीक्षक जनक पंवार ने बताया कि जांच के दौरान सीसीटीवी फुटेज और सबूतों से यह साबित हुआ कि राजीव प्रताप दुर्घटना के समय शराब के नशे में थे। फुटेज में वे लड़खड़ाते हुए चलते और गाड़ी को गलत दिशा में चलाते हुए दिखाई दिए।
पूरी कहानी – उस रात क्या हुआ था ?
18 सितंबर की शाम करीब 7 बजे राजीव प्रताप अपने पूर्व विद्यार्थी और कैमरामैन मनबीर कलूड़ा तथा पुलिस लाइन में तैनात मुख्य आरक्षी सोबन सिंह से मिलने पहुंचे।
तीनों ने टैक्सी स्टैंड पर देर रात तक शराब पी। रात करीब 10 बजे सोबन सिंह वहां से निकल गए लेकिन राजीव के कहने पर वापस लौटे।
इसके बाद दोनों बाजार गए, होटल में खाना खाया और फिर शराब पी।
रात करीब 11 बजे होटल से बाहर आने पर राजीव नशे में लड़खड़ाते हुए दिखे। थोड़ी देर बाद दोनों गाड़ी में बैठे, लेकिन बाद में सोबन सिंह बाहर आ गए और राजीव खुद ड्राइविंग सीट पर बैठ गए।
आखिरी सफर – सीसीटीवी फुटेज में राजीव अकेले
जांच में सामने आया कि रात 11:24 बजे सोबन सिंह ने राजीव से फोन पर बात की। इसके बाद राजीव की गाड़ी बद्री तिराहा, तेखला पुल और गंगोरी पुल के सीसीटीवी कैमरों में दर्ज हुई। हर जगह गाड़ी में केवल राजीव ही दिखाई दिए।
गंगोरी पुल के बाद वाहन का कोई फुटेज सामने नहीं आया। पुलिस का अनुमान है कि करीब 11:40 बजे गाड़ी वहीं दुर्घटनाग्रस्त हो गई।
जांच अब किसके पास है ?
फिलहाल इस मामले की विवेचना एसआई दिलमोहन बिष्ट को सौंपी गई है। पुलिस ने कहा कि पूरे केस की बारीकी से जांच जारी है और तथ्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।