उत्तराखंड में अंकिता के पिता सीबीआई जांच की मांग को लेकर रद्द हुई याचिका से नाखुश, जानिए क्या बोले….

देहरादून: अंकिता के पिता ने न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय में सशक्त पैरवी के लिए अपना अधिवक्ता अजय पंत को नियुक्त किया है। अंकिता के पिता सीबीआई जांच की मांग को लेकर रद्द हुई याचिका से नाखुश दिखे। उनका कहना है कि वह अब सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल करेंगे।

अंकिता के पिता ने बताया अभियुक्तों द्वारा नार्को टेस्ट से मना करने पर वह न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय में अपना अधिवक्ता नियुक्त करने जा रहे हैं। जिससे मामले की सही तरीके से पैरवी हो सके। बता दें, अंकिता हत्याकांड के तीनों आरोपियों ने नार्को टेस्ट से इनकार कर दिया है। पुलकित और सौरभ ने टेस्ट के लिए दिए गए सहमति पत्र वापस ले लिए हैं जबकि अंकित ने अपना असहमति पत्र भी वापस ले लिया है। अब तीनों आरोपी वकील के जरिये बताएंगे कि वे नार्को टेस्ट कराएंगे या नहीं।

बचाव पक्ष ने टेस्ट कराने की वजहों को भी स्पष्ट कराने की अपील अदालत से की है। अदालत ने इस पर सुनवाई के लिए तीन जनवरी की तारीख मुकर्रर की है। दरअसल, 12 दिसंबर को पुलकित और सौरभ ने नार्को टेस्ट के लिए जेलर के माध्यम से सहमति जता दी थी। लेकिन, अंकित ने 10 दिन का समय मांगा था। इस पर अदालत ने सुनवाई के लिए 22 दिसंबर का दिन तय किया था। सुनवाई से पहले ही इस मामले में नया मोड़ आ गया।

बृहस्पतिवार को तीनों आरोपियों की ओर से अदालत में उनके अधिवक्ता अमित सजवाण प्रस्तुत हुए। वीडियो कांफ्रेंसिंग से आरोपियों की पेशी भी कराई गई। इस बीच तीसरे आरोपी अंकित ने नार्को टेस्ट के लिए असहमति जताई। वकील ने अदालत से कहा कि अन्य दो आरोपियों की सहमति बिना कानूनी सलाह के दी गई है। सजवाण ने इन सभी पत्रों को अदालत से वापस लेने की अपील की। कहा कि अब कानूनी सलाह के बाद ही सहमति या असहमति पत्र प्रस्तुत किए जाएंगे।

उन्होंने पुलिस की इस मांग पर भी आपत्ति जताई। अदालत से कहा कि एसआईटी से यह कारण स्पष्ट कराया जाए कि नार्को और पॉलीग्राफ टेस्ट क्यों कराना चाहते हैं। पॉलीग्राफ टेस्ट की मांग की है या फिर नार्को की। या दोनों ही टेस्ट पुलिस कराना चाहती है।

बचाव पक्ष के तर्क और आपत्तियां
-यदि कोई वीआईपी है जिसके बारे में पुलिस जानना चाहती है तो क्या उसको आरोपी बनाया गया है? यदि मुकदमा दर्ज है तो कौन सी धाराओं में? पुलिस ने यह भी स्पष्ट नहीं किया है।
-नार्को और पॉलीग्राफ दोनों अलग प्रकृति के टेस्ट हैं। पुलिस ने यह स्पष्ट नहीं किया कि किस जानकारी के लिए नार्को टेस्ट कराना चाहते हैं। बिना इस जानकारी के सहमति देना मुश्किल है।
-पुलिस ने लिखा है कि वीआईपी के संबंध में जानकारी छुपाई जा रही है। साथ ही पुलकित के मोबाइल का भी पता नहीं चला है। ऐसे में पुलिस को स्पष्ट करना चाहिए कि कौन सा आरोपी जानकारी छुपा रहा है।
-आरोप पत्र दाखिल कर दिया गया है। ऐसे में अब पुलकित के मोबाइल से क्या जानकारी चाहिए। जबकि, सीडीआर और रिकॉर्डिंग आदि सब पुलिस के पास है। यह कारण भी पुलिस को स्पष्ट करना चाहिए।

एसआईटी ने छह दिसंबर को अदालत में प्रार्थनापत्र देकर कहा था कि पुलकित, सौरभ और अंकित का नार्को व पॉलीग्राफ टेस्ट कराना जरूरी है। आरोपियों ने वीआईपी गेस्ट की जानकारी छुपाई है। साथ ही पुलकित के मोबाइल की जानकारी भी नहीं दी जा रही है। लिहाजा पॉलीग्राफ और नार्को टेस्ट की अनुमति दी जाए।

वी मुरुगेशन, एडीजी, लॉ एंड ऑर्डर एवं पुलिस प्रवक्ता
एसआईटी ने वीआईपी का नाम जानने के लिए नार्को टेस्ट की अर्जी दी थी। आरोपियों ने सहमति पत्रों को वापस ले लिया है। अब कोर्ट में इस पर तीन जनवरी को सुनवाई होगी।

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