उत्तराखंड में यहाँ गजब का काम कराया, एक बरसात भी नही झेल पाए करोड़ों की लागत से बने पुस्ते…
देहरादून: एक बरसात भी नही झेल पाए करोड़ों की लागत से बने पुस्ते, सवालों के घेरे में सिंचाई विभाग, पूरी तरह फेल हुई सिंचाई विभाग की इंजीनियरिंग।
डोईवाला स्थित केशवपुरी बस्ती सोंग नदी से सटी है, यह बस्ती आपदाओं से बची रहे, इसके लिए नदी किनारे करोड़ों की लागत से पुस्ते बनाए गए, जिसकी मांग यहां के लोग वर्षों से कर रहे थे,
बता दें कि सरकार ने ग्रामीणों की इस समस्या को देखते हुए लगभग 6 माह पहले चार करोड़ों नवासी लाख रुपए की लागत से एक किलोमीटर पुस्तों का निर्माण कराया, तो यहां के लोगों ने राहत की सांस ली।
लेकिन देर रात से लगातार हुई बारिश ने इस पुस्तोंं को तो तबाह कर ही दिया, साथ ही सिंचाई विभाग को भी पूरी तरह बेनकाब कर दिया। पहली ही बरसात इन पुस्ताें पर आफत बनकर आई, जिसमें इस पुसते के कई ब्लॉक धाराशाही हुवे, तो सिंचाई विभाग पर कई सवाल खड़े हो गए। आखिर जब यह पुस्ते बनाए गए तो, सिंचाई विभाग के इंजीनियरों ने यह क्यों नहीं सोचा कि नदी में ज्यादा पानी भी आ सकता है, और यह ब्लॉक इस पानी को झेलने की छमता रखते भी हैं, या नहीं? ऐसे कई सवाल है, जो लोगों के जहन को झक झोर रहे हैं।
बता दें कि सरकार किसी भी योजना पर कार्य करती है, तो वह आमजन के हित को ध्यान में रख और आने वाले समय को ध्यान में रख योजना का प्रस्ताव तैयार करती है, पर डोईवाला में इन पुस्तो को बने एक साल भी नही हुवा कि इसके लगभग आठ ब्लॉक पूरी तरह धाराशाही हो गए।
वहीं ग्रामीणों की माने तो अगर इस पुस्ते के ब्लॉग सही तरीके से बनाए जाते तो, तो इन्हे बहने से बचाया जा सकता था, और ठेकेदारों व विभाग की लापरवाही का नतीजा यहां के ग्रामीणों पर भारी पड़ रहा है।
इस मामले को लेकर सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता योगेश्वर प्रसाद ने पल्ला झाड़ते हुए कहा कि यह एक आपदा है, और जहां ब्लॉक धसें है, वहां नदी का पानी एक सीमित स्थान पर बह रहा है, और अगर इस बस्ती के किनारे पुस्ते का निर्माण नही होता तो इस बस्ती को काफी नुकसान हो सकता था। साथ ही बताया कि सिंचाई विभाग के अधिकारी सुबह से ही यहां मुस्तैदी से राहत बचाव कार्यों में जुटे हैं।