उत्तराखंड में चमोली आपदा: सैलाब में सब तबाह…बुजुर्ग का नहीं चला पता, तीन दिन बाद भी कैसे हैं हालात…….

चमोली: शुक्रवार की रात्रि को अपनी दुकान से आवश्यक दस्तावेज बचाते समय गदेरे के सैलाब में लापता हो गए थे। उनकी तलाश में लगातार तीसरे दिन अभियान चला।

शुक्रवार की रात्रि में अतिवृष्टि से हुए नुकसान में प्रभावित क्षेत्रों में रेस्क्यू अभियान तीसरे दिन भी जारी रहा। प्रभावित क्षेत्रों में बचाव दलों के मलबे की सफाई की साथ ही लापता हुए बुजुर्ग की तलाश होती रही लेकिन उनका पता नहीं लगा।

चेपड़ों गांव के 78 वर्षीय गंगादत्त जोशी शुक्रवार की रात्रि को अपनी दुकान से आवश्यक दस्तावेज बचाते समय गदेरे के सैलाब में लापता हो गए थे। उनकी तलाश में लगातार तीसरे दिन अभियान चला। वहीं राड़ीबगड़ के आपदा प्रभावितों ने भी अपने घरों में आए मलबे की सफाई की।

राड़ीबगड़ के आपदा प्रभावित रमेश ने बताया कि शुक्रवार के बाद शनिवार को भी उनके घर में मलबा आया। सोमवार को उन्होंने मलबे की सफाई की। तहसीलदार अक्षय पंकज ने बताया कि आपदा से संबंधित सभी रिपोर्ट तैयार की जा रही है। लापता बुजुर्ग को खोजने का अभियान जारी है।

जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने कहा कि थराली में सभी आपदा और राहत के कार्य तेजी से किए जा रहे हैं। खतरा बने पेड़ों को हटाने के प्रयास किए जा रहे हैं। राजमार्ग को सुचारू कर दिया गया है। थराली बाजार के ऊपर के पेड़ों और बोल्डरों को हटाने के लिए आवश्यक प्रयास किए जाएंगे। सभी सरकारी भवनों और बस्तियों की सुरक्षा के प्रबंध किए जाएंगे।

थराली आपदा प्रभावितों की मदद के लिए अब स्थानीय लोग भी आगे आ रहे हैं। कुलसारी राहत केंद्र में थराली, देवराड़ा, कोटडीप सहित आसपास के 25 परिवारों के लोग रह रहे हैं। सोमवार को थराली प्रेस क्लब के सचिव संजय कण्डारी, नारायणबगड़ ब्लॉक कार्यालय में कार्यरत डीईओ महावीर नेगी, बीएमएम आलोक नेगी, जीआरएम योगेंद्र रावत राहत शिविर पहुंचे और लोगों को फल और पानी की बोतलें वितरित कीं।

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