उत्तराखंड में धराली के बाद अब थराली में आपदा बादल फटा भारी नुकशान……..

चमोली: चमोली जिले के थराली में कल देर रात बादल फटने से कहीं लोगों के हताहत होने की सूचना, कहीं मकान दब गए हैं लोग रात 12:00 बजे से सड़कों पर खड़े हैं ऐसा बताया जा रहा है कहीं लोगों के अभी भी फंसे होने की सूचना।

चमोली जिले के थराली क्षेत्र में बादल फटने की घटना से हुए नुकसान का विवरण निम्नलिखित है।

1. **थराली बाजार, कोटदीप, और तहसील थराली परिसर में नुकसान**: थराली कस्बे में शुक्रवार (22 अगस्त 2025) की आधी रात के बाद बादल फटने से तहसील परिसर, एसडीएम आवास, और कई घरों में भारी मात्रा में मलबा जमा हो गया। तहसील परिसर में खड़ी कुछ गाड़ियां भी मलबे में दब गईं, जिससे वाहनों को नुकसान पहुंचा। तेज बहाव और मलबे के कारण कस्बे की सड़कें तालाब जैसी हो गईं।

2. **सागवाड़ा गांव में हताहत**: पास के सागवाड़ा गांव में *एक युवती के मलबे में दबने से मौत की सूचना है*, जिससे क्षेत्र में अफरा-तफरी मच गई। लोग अपने घरों से बाहर भागे। राहत और बचाव कार्यों में पुलिस और प्रशासन की टीमें जुटी हुई हैं।

3. **चेपड़ों बाजार में नुकसान**: चेपड़ों बाजार में कुछ दुकानें मलबे की चपेट में आकर क्षतिग्रस्त हुई हैं। इसके अलावा, एक व्यक्ति के लापता होने की खबर है, जिससे स्थिति और गंभीर हो गई है।

4. **थराली-ग्वालदम मार्ग बंद**: थराली-ग्वालदम मार्ग मिंग्गदेरा के पास मलबे और भारी बारिश के कारण अवरुद्ध हो गया है, जिससे यातायात पूरी तरह ठप है।

5. **थराली-सागवाड़ा मार्ग बंद**: थराली-सागवाड़ा मार्ग भी मलबे और बारिश के कारण बंद है, जिससे क्षेत्र में आवाजाही प्रभावित हुई है।

6. **एसडीआरएफ की तैनाती**: गौचर से स्टेट डिजास्टर रिस्पॉन्स फोर्स (SDRF) की टीम घटनास्थल के लिए रवाना हो चुकी है। राहत और बचाव कार्यों में तेजी लाने के लिए प्रशासन सक्रिय है।

7. **बीआरओ का सड़क खोलने का प्रयास**: मींग खदेरे के पास बॉर्डर रोड्स ऑर्गनाइजेशन (BRO) सड़क को खोलने के लिए कार्य कर रहा है, ताकि यातायात और राहत कार्यों को सुचारू किया जा सके।

**अतिरिक्त जानकारी**:
– जिला प्रशासन ने थराली तहसील के सभी स्कूलों और आंगनबाड़ी केंद्रों को शनिवार (23 अगस्त 2025) को बंद रखने का आदेश दिया है।

– जिलाधिकारी डॉ. संदीप तिवारी ने बताया कि पुलिस और प्रशासन की टीमें मौके पर राहत और बचाव कार्य में जुटी हैं)
– चमोली जिले में भारी बारिश और बादल फटने की घटनाओं से पहले भी नुकसान की खबरें आई थीं, जैसे सोल घाटी और केरा गांव में मकान, दुकानें, और गौशालाएं मलबे में दब गई थीं।

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