उत्तराखंड में निशुल्क बिजली को लेकर ज्यादा खुश होने की जरूरत नही, मंत्री हरक के बयान की सच्चाई ये है, प्रस्ताव बनाने के आदेश हुए है घोषणा नहीं, वीडियो देखे…..
देहरादून : उत्तराखंड में निशुल्क बिजली को लेकर हल्ला मचा हुआ है कांग्रेस बीजेपी और आम आदमी पार्टी सब अपनी-अपनी तरह से इसको लेकर राजनीति कर रहे हैं वही अब मंत्री हरक सिंह रावत कह रहे हैं कि उन्होंने कभी निशुल्क बिजली देने की घोषणा नहीं की है उनका कहना है कि उन्होंने कोई घोषणा नहीं की थी, केवल विभाग को प्रस्ताव बनाने को कहा था। विभाग प्रस्ताव बना रहा है, इस पर फैसला कैबिनेट को करना है।दरअसल, पिछले सप्ताह ऊर्जा मंत्री डॉ.हरक सिंह रावत ने ऊर्जा भवन में तीनों ऊर्जा निगमों के अधिकारियों की बैठक ली थी।
बैठक के बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा था कि वह प्रदेश में करीब 13 लाख घरेलू बिजली उपभोक्ताओं के लिए हर महीने फ्री बिजली की योजना लेकर आ रहे हैं। इसके तहत हर महीने 100 यूनिट बिजली बिल वालों से कोई पैसा नहीं लिया जाएगा, जबकि 100 से 200 यूनिट बिजली वालों को 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी।अगले ही दिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से जब मीडियाकर्मियों ने सवाल किया तो उन्होंने ऐसे किसी भी प्रस्ताव से इनकार कर दिया। इस बीच अंदरखाने भाजपा में इस घोषणा को लेकर विरोध के सुर उठने लगे।
सूत्रों के मुताबिक, हरक सिंह रावत की यह लोकलुभावनी घोषणा पार्टी केंद्रीय नेतृत्व तक भी पहुंच गई है, जिस पर आलाकमान ने नाराजगी जताई है। लिहाजा, ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत के सुर भी बदल गए हैं।हरक ने कहा कि उन्होंने कोई घोषणा नहीं की थी। उन्होंने केवल विभाग को प्रस्ताव बनाने को कहा था। प्रस्ताव बनाना विभागों की जिम्मेदारी है और इस पर कोई भी फैसला लेना कैबिनेट का सर्वाधिकार है। उन्होंने कहा कि विभागीय स्तर पर प्रस्ताव तैयार हो रहा है, जो वित्त विभाग को जाएगा। वहां से आगे बढ़ते हुए ही कैबिनेट बैठक में रखा जाएगा। इसके बाद कैबिनेट जो भी फैसला लेगी, उसी पर अमल किया जाएगा।
आपको बता दें कि प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार यह कह रहे हैं कि सस्ती और गुणवत्तायुक्त 24 घंटे बिजली देना उनकी प्राथमिकता है। उन्होंने अभी तक कहीं भी फ्री बिजली की कोई बात नहीं की है।ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत ने सोमवार को मीडिया से बातचीत में भविष्य की रणनीति भी सामने रख दी। उन्होंने कहा कि अगर 2022 में दोबारा भाजपा सरकार सत्ता में आती है, उन्हें ऊर्जा विभाग मिलता है तो वह अगले तीन-चार सालों में घरेलू बिजली पूरी तरह से फ्री कर देंगे।
वह ऊर्जा विभाग का लाभांश इतना बढ़ा देंगे कि आसानी से लोगों को फ्री बिजली मिलने लगेगी। उन्होंने यह भी कहा कि अरविंद केजरीवाल का प्रदेश में कोई जनाधार नहीं है, वह झूठ की राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने हरीश रावत पर भी निशाना साधा और कहा कि वे प्रदेश के मुख्यमंत्री थे, तब अपने कार्यकाल में इस योजना को क्यों लागू नहीं किया।