बजट में ₹350 करोड़ की सौगात, अप्रैल से नई कमिश्नरी एक्टिव करने की कवायद
गैरसैंण: उत्तराखंड की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण धीरे धीरे स्थाई राजधानी की ओर कदम बढ़ा रही है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत गैरसैंण के मुद्दे पर फ्रंटफुट पर खेल रहे हैं। पिछले वर्ष ग्रीष्म राजधानी की घोषणा, इस वर्ष गैरसैंण को कमिश्नरी बनाना और राजधानी क्षेत्र के विकास के लिए 350 करोड़ के बजट की घोषणा त्रिवेंद्र का मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है। सियासी पंडितों की मानें तो अगर त्रिवेंद्र सत्ता में लौटे तो अगले 5,6 साल में जनभावनाओं के प्रतीक, गैरसैंण को प्रदेश की स्थाई राजधानी बनाया जा सकता है।
अप्रैल से शुरू होगी नई कमिश्नरी
भराड़ीसैंण में 2021-22 का बजट पेश करते हुए सीएम त्रिवेंद्र ने गैरसैंण को प्रदेश का तीसरा मंडल बनाने की घोषणा कर डाली। इस फैसले ने सभी को चैंका दिया। सवाल भी उठने लगे कि कहीं गैरसैंण कमिश्नरी का हश्र गढ़वाल औऱ कुमाऊं कमिश्नरी की तरह न हो। दरअसल दोनों कमिश्नरियों का देहरादून मे कैंप कार्यालय है। ज्यादातर अफसर मंडल मुख्यालय के बजाए देहरादून में डेरा जमाए रहते हैं। लेकिन गैरसैंण के मामले में त्रिवेंद्र के इरादे अलग हैं। सूत्रों की मानें तो नए मंडल को अप्रैल से एक्टिव कर दिया जाएगा। अप्रैस से नए आयुक्त और डीआईजी की तैनाती हो जाएगी। खास बात ये है कि इस कमिश्नरी का कैंप कार्यालय नहीं होगा। यानी अफसर पहाड़ चढ़ेंगे, तो लोगों को शासन के फायदा मिलेगा।
राजधानी क्षेत्र के लिए 350 करोड़ का बजट
बजट के दौरान एक और अहम घोषणा की। सरकार ने गैरसैंण राजधानी क्षेत्र के विकास के लिए 350 करोड़ रूपए स्वीकृत हैं। इस राशि को गैरसैंण के आसपास इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के साथ साथ बुनियागदी सुविधाओं को बढ़ाने में खर्च किया जाएगा। इसके तहत इंफ्रास्ट्रक्चर मद में 50 करोड़, चौखुटिया हवाई अड्डे के लिए 20 करोड़, निर्माणाधीन सचिवालय के लिए 15 करोड़, विधानसभा भवन के विकास के लिए 19 करोड़, अंतर्राष्ट्रीय संसदीय अध्ययन शोध व प्रशिक्षण संस्थान के लिए 1 करोड़ का प्रावधान है।
इसके अतिरिक्त बुनियादी सुविधाओं के लिए भी बजटीय आवंटन किया है। गैरसैंण पेयजल योजना के लिए 106.87 करोड़, पीएमजीएसवाई के तहत सड़क निर्माण में 93.25 करोड़, गैरसैंण में स्टेडियम के लिए 2.42 करोड़, का प्रावधान है। इसके अतिरिक्त दिवालीखाल-भराड़ीसैंण डबल लाईन के लिए 8.67 करोड़, सीएचसी हॉस्पिटल अपग्रेडेशन के लिए 11.50 करोड़ जिसमें 3 करोड़ अवमुक्त, ग्रोथ सेंटर के लिए 32 लाख जिसमें से 17.46 लाख दिया है, का प्रावधान है। गैरसैंण में परिवहन बस डिपो के लिए 5 करोड़, क्षेत्रीय युवाओं के स्किल डेवलपमेंट के लिए 1 करोड़, पुलिस बैरक के लिए 2 करोड़, माध्यमिक शिक्षा के तहत 7 विद्यालय-2 अतिरिक्त कक्षा कक्ष, प्राथमिक शिक्षा के तहत 6 विद्यालय में एक कक्षा कक्ष, उद्यान के अंतर्गत कोल्ड स्टोर एवं प्रौसेसिंग यूनिट के लिए ढाई करोड़, मशरूम उत्पादन यूनिट के लिए 1 करोड़, माली प्रशिक्षण केंद्र के लिए 15 लाख, चाय बोर्ड के अंतर्गत कालीमाटी के लिए 2 करोड़ का बजटीय प्रावधान है। इसके अलावा गैरसैंण में चाय बोर्ड कार्यालय प्रस्तावित है, दूधातोली तक नेचर ट्रेल, कमिशनरी, डीआईजी आफिस, टाउन प्लानिंग व भराड़ीसैंण में हेलीपैड़ के लिए 2 करोड़ रूपए प्रावधानित किए गए हैं। इस हेलीपैड पर एक साथ तीन एमआई हेलीकॉप्टर उतर सकेंगे।
इसके इतरर पिछले वर्ष राज्य स्थापना दिवस पर सीएम ने गैरसैंण के समग्र विकास के लिए अगले 10 साल में 25 हजार करोड़ का निवेश करने की घोषणा की है। यानि गैरसैंण एक स्थाई राजधानी के तौर पर विकसित हो रहा है।